बनबसा में स्मैक के साथ एक व्यक्ति गिरफ्तार, डीआइजी ने पांच व एसपी ने ढाई हजार रुपये दिए ईनाम
पूछताछ में उसने अपना नाम तबरेज अख्तर पुत्र अफजाल अहमद निवासी ग्राम पंडारी थाना सितारगंज जिला उधमसिंहनगर बताया। उसने बताया कि वह यह स्मैक पड़ोसी जिले से सस्ते दामों में खरीदकर नेपाल में ऊंचे दामों में बेचने के लिए ले जा रहा है।
जागरण संवाददाता, बनबसा : पुलिस और एसओजी की टीम ने संयुक्त अभियान चलाकर 120.30 ग्राम स्मैक के साथ एक बड़े सप्लायर को गिरफ्तार किया है। आरोपित के खिलाफ पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। स्मैक पकडऩे वाली टीम को पुलिस उपमहानिरीक्षक अशोक कुमार द्वारा पांच हजार और पुलिस अधीक्षक चम्पावत द्वारा 2500 रुपये के नगद पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। जिले में अब तक पकड़ी गई स्मैक की यह सबसे बड़ी खेप है।
नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन क्रेक डाउन के तहत मंगलवार की शाम थानाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह के नेतृत्व में पुलिस और एसओजी की टीम ने चैकिंग के दौरान कैनाल गेट बनबसा के समीप नेपाल जाने वाले मार्ग पर बनबसा की ओर से आ रहे एक व्यक्ति पर संदेह हुआ। जिसके बाद उसे पूछताछ के लिए रोका गया। पूछताछ के दौरान वह घबरा गया। टीम द्वारा उसकी तलाशी ली तो उसके पास से 120.30 ग्राम स्मैक बरामद हुई। जिसके बाद टीम उसे थाने ले आई। पूछताछ में उसने अपना नाम तबरेज अख्तर पुत्र अफजाल अहमद, निवासी ग्राम पंडारी, थाना सितारगंज, जिला उधमसिंहनगर बताया। उसने बताया कि वह यह स्मैक पड़ोसी जिले से सस्ते दामों में खरीदकर नेपाल में ऊंचे दामों में बेचने के लिए ले जा रहा है। टीम में थानाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह जगवाण के अलावा एसओजी प्रभारी मनीष खत्री, एसआइ गोविन्द सिंह बिष्ट, नवल किशोर, कांस्टेबल नवल किशोर, मतलूब खान, भुवन पांडे, प्रवीण कुमार, दिनेश गिरी शामिल रहे।
एसपी ने प्रेस वार्ता कर दी जानकारी
एसपी देवेंद्र पींचा ने बनबसा में प्रेस वार्ता कर स्मैक पकड़े जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पकड़ा गया व्यक्ति स्मैक का बडा सप्लायर है। जो कि जिले के अलावा पड़ोसी देश नेपाल में भी लंबे समय से स्मैक की सप्लाई कर रहा है। बताया कि पूर्व में पकड़े गए स्मैक तस्करों की निशानदेही पर पुलिस को काफी समय से इसकी तलाश थी। पुलिस द्वारा पिछले तीन वर्षों में जिले मे स्मैक की अभी तक की सबसे बड़ी रिकवरी की गई है। एसपी ने बताया कि टीम को पुलिस उपमहानिरीक्षक अशोक कुमार द्वारा पांच हजार और स्वयं उनके द्वारा 2500 रुपये का नगद पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।