एक ने भाड़ा बढ़ाया, दूसरे को पुरानी दरों पर भी काम नहीं मिल रहा, भाड़े को लेकर ट्रांसपोर्ट कारोबारी संगठनों के अलग-अलग सुर

दो दिन पहले ट्रांसपोर्टरों के एक संगठन ने 10 प्रतिशत भाड़ा बढ़ाने का ऐलान करते हुए रेट लिस्ट जारी कर दी। दूसरे संगठन का कहना कि कोरोना की दुश्वारी के चलते ट्रांसपोर्टरों को पुराने भाड़े में भी काम नहीं मिल रहा।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:33 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 06:33 AM (IST)
एक ने भाड़ा बढ़ाया, दूसरे को पुरानी दरों पर भी काम नहीं मिल रहा, भाड़े को लेकर ट्रांसपोर्ट कारोबारी संगठनों के अलग-अलग सुर
व्यापारी भाड़ा बढ़ाने को तैयार नहीं है। ट्रांसपोर्टर पुराने भाड़े में काम करने को मजबूर हैं।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : पहाड़ के विभिन्न रूटों पर माल ढुलान का भाड़ा तय करने को लेकर ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के अलग-अलग सुर हो गए हैं। दो दिन पहले ट्रांसपोर्टरों के एक संगठन ने 10 प्रतिशत भाड़ा बढ़ाने का ऐलान करते हुए रेट लिस्ट जारी कर दी। दूसरे संगठन का कहना कि कोरोना की दुश्वारी के चलते ट्रांसपोर्टरों को पुराने भाड़े में भी काम नहीं मिल रहा। डीजल, मोटर पाट्र्स के बढ़ती कीमतों ने कारोबारियों की मुसीबत बढ़ा दी है।

डीजल, पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल की ट्रांसपोर्ट नगर इकाई ने बुधवार को भाड़ा बढ़ा दिया था। विभिन्न रूटों के लिए पुराने भाड़े में 10 से 30 रुपये की प्रति क्विंटल की वृद्धि कर दी। नई दरों को एक जुलाई से लागू करने की बात कही गई। ट्रांसपोर्ट नगर व्यापारी एसोसिएशन की शुक्रवार को हुई बैठक में कारोबारियों ने कहा कि कोरोना की मार से व्यापारी तंगी से जूझ रहे। व्यापारी भाड़ा बढ़ाने को तैयार नहीं है। ट्रांसपोर्टर पुराने भाड़े में काम करने को मजबूर हैं।

पुलिस का उत्पीडऩ बंद करने की मांग

ट्रांसपोर्ट नगर व्यापारी एसोसिशन के अध्यक्ष अमरजीत सिंह सेठी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया है कि कारोबारियों के लिए बैंक किस्त, बिजली बिल, इंश्योरेंस भरना मुश्किल हो रहा। पुलिस, सीपीयू ट्रांसपोर्टरों का अनावश्यक उत्पीडऩ करती है। अनावश्यक चालान नहीं रूके तो आंदोलन करेंगे। ट्रांसपोर्टरों ने आर्थिक पैकेज की मांग की। बैठक में महामंत्री प्रदीप सबरवाल, इंद्र भुटियानी, पंकज बोहरा, जसपाल कोहली, अमन भट्ट, चंद्रशेखर पांडे, राजेश पुरी, खीमानंद शर्मा, एलएम बिष्ट, संदीप नागपाल, इंद्रजीत आनंद, आनंद बिनवाल, दर्शन खेतवाल, अजय पांडे, विमल कांडपाल मौजूद रहे।

यूनियन को किराया बढ़ाने का अधिकार नहीं

किराया या भाड़ा तय करने का अधिकार ट्रांसपोर्टर या किसी यूनियन को नहीं है। राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) इसे तय करता है। आरटीओ राजीव मेहरा ने बताया कि एसटीए ही किराया घटा या बढ़ा सकता है।

किराया संशोधित करने को कमेटी गठित

पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में तेजी के बाद ट्रांसपोर्ट कारोबारी किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। आरटीओ राजीव मेहरा ने बताया कि किराया संशोधित करने के लिए देहरादून आरटीओ की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर एसटीए कोई फैसला लेगा।

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