ऊधमसिंह नगर के जिला सहकारी बैंक में डेढ़ करोड़ का घोटाला, मामले में दो क्लर्क सस्पेंड

करीब डेढ़ करोड़ की गड़बड़ी हुई है मगर यह गड़बड़ी बैंक में नहीं हुई है। इस मामले में शकील के समय बैंक शाखा में तैनात क्लर्क पंकज पांडे व रणधीर स‍िंह को सस्पेंड कर दिया गया है। प्रबंधक का पीएफ फंड पर रोक लगा दी हैै।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:05 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 07:28 AM (IST)
ऊधमसिंह नगर के जिला सहकारी बैंक में डेढ़ करोड़ का घोटाला, मामले में दो क्लर्क सस्पेंड
मुख्य आरोपित तत्कालीन शाखा प्रबंधक मोहम्मद शकील की पहले ही मौत हो चुकी है।

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर (ऊधमसिंह नगर) : जिला सहकारी बैंक की मझोला शाखा में करोड़ों के एफडी व आरडी घोटाले में बैंक प्रबंधन ने सोमवार को क्लर्क पंकज पांडे व रणधीर स‍िंह को सस्पेंड कर दिया। मामले के मुख्य आरोपित तत्कालीन शाखा प्रबंधक मोहम्मद शकील की पहले ही मौत हो चुकी है। ऐसे में उनके पीएफ से धन निकासी व पेंशन पर रोक लगाते हुए डीसीबी के उप महाप्रबंधक राम यज्ञ तिवारी की अगुवाई में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गई है।

प्रबंधक पीलीभीत में रहते थे। लोगों ने शकील से बैंक में खाते खुलवाकर एफडी और आरडी करा ली। प्रबंधक ने इन लोगों से न तो फार्म भरवाया और न ही खाते बैंक में ऑनलाइन रिकॉर्ड दर्ज किए। घर से ही एफडी कर सर्टिफिकेट व पासबुक जारी कर दीं। कुछ माह पहले शकील का ट्रांसफर चीनी मिल सितारगंज की शाखा में कर दिया गया था।

शकील की मई के तीसरे सप्ताह में मौत हो गई। ऐसे में कुछ लोग एफडी तुड़वाने व आरडी जमा बैंक पहुंचे तो पता चला कि होश उड़ गए। उनके बैंक में खाते ही नहीं थे। मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचा तो आननफानन में जांच कमेटी बैठा दी गई। बताया जा रहा है कि शकील ने पीलीभीत के लोगों से एफडी कराकर रुपये ले लिए और पासबुक जारी कर दिया। शकील ने न तो बैंक में रुपये जमा किए और न ही पासबुक को आनलाइन रिकार्ड दर्ज कराया। बताया जा रहा है कि एफडी के नाम पर लोगों से 50 हजार से पांच लाख रुपये तक हड़पे गए। मामले की जांच में कई लोग फंस सकते हैं। इस मामले में डीसीबी के महाप्रबंधक से मोबाइल फोन पर संपर्क नहीं हो पाया।

लोगों ने किया आंख बंद कर विश्वास

जिला सहकारी बैंक की शाखाएं सीबीएस प्रणाली से जुड़ी हैं। ऐसे में खाता खोलने से पहले फार्म भरकर जमा करना पड़ता है। प्रबंधक शकील ने लोगों से रुपये लेकर घर से ही पासबुक जारी कर दीं। लोगों ने भी प्रबंधक पर पूरी तरह विश्वास कर कुछ जानने-बूझने की कोशिश ही नहीं की।

जांच में उलझी कमेटी

डीसीबी के उप महाप्रबंधक राम यज्ञ तिवारी की अगुवाई में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी गई है। कमेटी में अनुभाग अधिकारी हरि यादव व संजय कुमार शर्मा भी हैं। जांच इस सप्ताह तक पूरी हो सकती है। जांच कमेटी यह समझ नहीं पा रही है कि पास बुक व एफडी के प्रमाण पत्र बैंक शाखा से गायब हो गए मगर इसकी भनक कर्मचारियों को नहीं लगी। जो भी एफडी व आरडी हुए हैं, वह पीलीभीत के लोगों के हैं। जबकि बैंक में खाता खुलवाने के लिए उस प्रदेश का कुछ दस्तावेज होना चाहिए। जब पीलीभीत के लोगों ने पासबुक लिए तो उन्होंने इसकी जानकारी भी नहीं ली।

यह गड़बड़ी बैंक में नहीं हुई

बैंक के कार्यवाहक अध्यक्ष योगेंद्र रावत ने बताया कि करीब डेढ़ करोड़ की गड़बड़ी हुई है मगर यह गड़बड़ी बैंक में नहीं हुई है। इस मामले में शकील के समय बैंक शाखा में तैनात क्लर्क पंकज पांडे व रणधीर स‍िंह को सस्पेंड कर दिया गया है। प्रबंधक का पीएफ, फंड पर रोक लगा दी हैै। मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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