हल्द्वानी में दूसरे दिन 46 हजार क्यूसेक घटा पानी पर खतरा बरकरार, बैराज पर जल पुलिस तैनात
24 घंटे बाद जलस्तर 51 हजार से घटते-घटते पांच हजार क्यूसेक तक पहुंच गया। जिससे सिंचाई विभाग जलसंस्थान व लोगों ने भी राहत ली। हालांकि मानसून सीजन व पहाड़ पर हो रही बारिश के कारण अलर्ट जारी है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बारिश के कारण उफान आया गौला बैराज दूसरे दिन शांत हो गया। 24 घंटे बाद जलस्तर 51 हजार से घटते-घटते पांच हजार क्यूसेक तक पहुंच गया। जिससे सिंचाई विभाग, जलसंस्थान व लोगों ने भी राहत ली। हालांकि, मानसून सीजन व पहाड़ पर हो रही बारिश के कारण अलर्ट जारी है। 24 घंटे स्टाफ को जलस्तर की निगरानी के लिए तैनात किया गया है। पहाड़ से लेकर किच्छा तक बनी चौकियों का अपडेट लिया जा रहा है।
मानसूनी बरसात की शुरुआत हो चुकी है। कुमाऊं के पर्वतीय इलाकों में तेज बारिश होने के कारण शनिवार सुबह बैराज ने सात साल पुराने जलस्तर के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। बैराज पर पानी का स्तर 51262 क्यूसेक पहुंच गया था। जिस वजह से आसपास के लोगों को अलर्ट कर नदी से दूर किया गया। सिंचाई विभाग के अफसर भी मौके पर पहुंच गए थे। वहीं, बैराज खाली करने के चक्कर में जलसंस्थान के शीशमहल स्थित फिल्टर प्लांट की आपूर्ति भी रोक दी गई।
इधर, जेई मनोज तिवारी ने बताया कि रविवार को सुबह से जलस्तर घटने लगा। शाम के वक्त पांच हजार क्यूसेक पानी बैराज में था। जिस वजह से खतरे की आशंका टल गई। वहीं, किसी आशंका के मद्दनेजर जलपुलिस भी बैराज पर तैनात की गई है। इसके अलावा खनस्यू, नंधौर, गौलापार व किच्छा चौकी से संपर्क कर हर स्थिति का अपडेट देने के निर्देश दिए गए है। भारी बारिश के बाद अब पहाड़ से पानी मैदान में पहुंच रहा है। विभाग इसे लेकर सतर्कता बरत रहा है। पहाड़ पर उफनाए नाले व नदियों से काफी नुकसान हुआ है। कई पुल बह गए हैं। गौला में भारी मात्रा में सिल्ट आने से पूरी हल्द्वानी का पेयजल आपूर्ति व्यवस्था बाधित हो गई है। कुछ दिन से गौला खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हालांकि रविवार को जल स्तर में कुछ कमी देखी गई है। पर अभी भी िविभाग अलर्ट मोड पर है।
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