हाईकोर्ट के आदेश पर पंत विवि ने दी नोटिस तो भड़के अतिक्रमणकारी

पंत विवि नगला गेट पर धरना छह घंटे तक धरना देकर आक्रोश जताया। उन्होंने चेताया कि यदि उन्हें हटाया तो आंदोलन किया जाएगा। बाद में किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने धरना स्थल पर पहुंचकर लोगों को समझाया कि पार्टी हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 10:42 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 10:42 PM (IST)
हाईकोर्ट के आदेश पर पंत विवि ने दी नोटिस तो भड़के अतिक्रमणकारी
शनिवार सुबह करीब 10 बजे नगला के लोग पंतनगर नगला गेट पर धरने पर बैठ गए।

जागरण संवाददाता, शांतिपुरी (ऊधमसिंहनगर) : अतिक्रमण हटाने के अल्टीमेटम से नगला के लोग भड़क गए। उन्होंने पंत विवि नगला गेट पर धरना छह घंटे तक धरना देकर आक्रोश जताया। उन्होंने चेताया कि यदि उन्हें हटाया तो आंदोलन किया जाएगा। बाद में किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने धरना स्थल पर पहुंचकर लोगों को समझाया कि पार्टी हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। गरीबों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

पंतनगर नगला से किच्छा होते हुए पुलभट्टा तक मार्ग जाता है। ग्राम नगला की सीमा तक मार्ग की लंबाई पांच किलोमीटर है। मार्ग के बांयी ओर रेलवे लाइन व मुख्य सड़क के मध्य लोक निर्माण विभाग की जमीन है। जबकि मार्ग के दायीं ओर भूमि तराई स्टेट फार्म यानि पंत विवि के नाम दर्ज है। फार्म की जमीन भूचित्र में नाले के रूप में प्रदर्शित हैं, जिन पर अतिक्रमण है। हाईकोर्ट के आदेश पर विवि प्रशासन ने नगला में विवि की भूमि पर बसे 62 लोगों को 12 जून तक अतिक्रमण हटाने का नोटिस थमाया था। इसके विरोध में शनिवार सुबह करीब 10 बजे नगला के लोग पंतनगर नगला गेट पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने विवि व जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताते हुए कहा कि कई साल से यहां बसे हैं।

प्रशासन उन्हें जानबूझ कर उजाडऩे पर लगा है। यहां से नहीं हटा जाएगा। कोरोना काल में आर्थिक स्थिति खराब है कि कहां जाएंगे। कुछ समय और दिया जाना चाहिए था। धरना स्थल पर पहुंचे विधायक शुक्ला ने कहा कि वह नगला के लोगों के साथ है। गरीबों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। इस पर शाम करीब चार बजे धरना समाप्त हो गया। इसके बाद विधायक शुक्ला की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल विवि के सुरक्षा अधिकारी से मिला। विधायक शुक्ला ने कहा कि नोटिस में दो दिन का समय दिया गया था। उन्हें एक माह का समय देने की मांग की, जिससे वे लोग उक्त भूमि पर अपने दस्तावेज आदि प्रस्तुत कर सकें। प्रतिनिधिमंडल में आशीष ढांडा, डीएन यादव, राजेश तिवारी, सचिन शर्मा, अभिमन्यु चौबे, ङ्क्षपकी डिमरी, महेंद्र वाल्मीकि शामिल थे।

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