मनरेगा कर्मी के निष्कासन पर तमतमाए पंचायत प्रतिनिधि, ब्लॉक मुख्यालय में बेमियादी धरना शुरू
मनरेगा योजना के तहत कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को हटाए जाने का मामला तूल पकड़ गया है। पूर्व विधायक मदन सिंह बिष्टï व जिला पंचायत अध्यक्ष उमा सिंह बिष्टï बर्खास्त कर्मी के पक्ष में उतर आए हैं।
जागरण संवाददाता, द्वाराहाट : मनरेगा योजना के तहत कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को हटाए जाने का मामला तूल पकड़ गया है। पूर्व विधायक मदन सिंह बिष्टï व जिला पंचायत अध्यक्ष उमा सिंह बिष्टï बर्खास्त कर्मी के पक्ष में उतर आए हैं। ब्लॉक मुख्यालय में प्रदर्शन कर बेमियादी धरना शुरू कर दिया गया। प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई। फर्जी शिकायत पर कार्यवाही पर दो टूक चेताया कि यदि कर्मचारी को बहाल कर उसे हटाने वालों पर कार्रवाई न की गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
भौरा निवासी नारायण सिंह रावत मनरेगा योजना के अंतर्गत विकासखंड मुख्यालय में 2009 से कंप्यूटर ऑपरेटर (दैनिक वेतनभोगी) के पद पर कार्यरत था। प्रशासन के अनुसार किसी परमानंद कांडपाल की शिकायत पर जांच कर आरोप सही पाए जाने पर उसे हटा दिया गया। मगर पीडि़त कर्मचारी व समर्थन में आंदोलन कर रहे पंचायत प्रतिनिधियों और क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि फर्जी शिकायत के तहत उसे नौकरी से निकालने की साजिश की गई है। क्योंकि परमानंद कांडपाल नाम का कोई शिकायतकर्ता है ही नहीं। आंदोलनकारी उसे ढूढ़कर सामने लाने की जिद पर अड़ गए।
ये भी उतरे समर्थन में
ब्लॉक प्रमुख दीपक किरौला, जिपं सदस्य पंकज कुमार, पूर्व प्रमुख राजेंद्र किरौला, ग्रामप्रधान मनोज रावत, राकेश पांडे, पूजा आगरी, रमेश सिंह बोरा, संजय सिंह नेगी, पुष्पा जोशी, संतोष चौधरी, नरेंद्र सिंह, त्रिभुवन चंद्र आदि। बीडीओ द्वाराहाट शाकिर हुसैन ने बताया कि सीडीओ को की गई शिकायत पर जांच की गई। मनरेगा कर्मचारियों की प्रदेशव्यापी हड़ताल के बाद बीती नौ जून को काम पर उपस्थित न रहने कारण कर्मचारी का निष्कासन हुआ है। बुधवार को मुख्यालय पर धरने की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है।
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