सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने में जुटे अफसर, शिक्षक मुहैया कराने के साथ संसाधन भी दिए
हिमालय वाटर सर्विस तथा विकास एवं पर्यावरण संरक्षण समिति की एजुकेशन विंग साविद्या स्कूलों की स्थिति सुधारने में जुटी हुई है। जहां जो भी संसाधन या शिक्षक चाहिए वहां पर उन्हें उपलब्ध करा रही है। 2005 से शिक्षा क्षेत्र में संस्था की तरफ से काम किए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : अज्ञानता के अंधेरे को दूर करने के लिए पेशे से शिक्षक होना ही जरूरी नहीं है। इस बात को सेवानिवृत्त व कार्यरत अफसरों की संस्था हिमालय वाटर सर्विस तथा विकास एवं पर्यावरण संरक्षण समिति की एजुकेशन विंग साविद्या बखूबी साबित कर रहे हैं। साविद्या द्वारा चम्पावत के 15 स्कूलों में अपने स्तर से शिक्षक उपलब्ध करवाए गए थे। एक समय तक 56 शिक्षक हो गए थे। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में बच्चों को ड्रेस, कक्षा में बैठने के लिए फर्नीचर भी उपलब्ध करवाए गए। 2005 से शिक्षा क्षेत्र में संस्था की तरफ से काम किए जा रहे हैं।