कैसा आपदा प्रबंधन, अफसर नॉट रीचेबल, कंट्रोल रूम के नंबर डेड
बारिश ने सरकारी तंत्र के दावों की पोल खोलकर रख दी। 24 घंटे से बिजली पानी दूध की सप्लाई ठप होने से पूरा शहर परेशान हो उठा है मगर आपदा प्रबंधन की टीमें क्या कर रही हैं यह किसी को पता नहीं है।
किशोर जोशी, नैनीताल : शहर में दशकों बाद हुई जबरदस्त बारिश ने सरकारी तंत्र के दावों की पोल खोलकर रख दी। विभागीय अफसरों की लचर कार्यकुशलता व क्षमता भी जगजाहिर हो गई। आलम यह है कि 24 घंटे से बिजली, पानी, दूध की सप्लाई ठप होने से पूरा शहर परेशान हो उठा है, मगर आपदा प्रबंधन की टीमें क्या कर रही हैं, यह किसी को पता नहीं है। नुकसान की जानकारी देने के लिए स्थापित आपदा कंट्रोल रूम के तीनों नंबर बीती आधी रात से डेड पड़े हैं। ऐसे में सड़कें खोलने को मशीन लेकर गए चालकों की लोकेशन तक पता नहीं चल पा रही है।
बारिश के कारण आपदा की घटनाएं बढ़ती देख डीएम ने एक दिन पहले सोमवार को ही न्याय पंचायत स्तर पर 44 आपदा प्रबंधन टीमें बनाने के निर्देश दिए थे, मगर आपदा प्रबंधन टीमों की स्थिति ऐसी रही कि रामगढ़, धारी में आपदा में 14 लोग काल कवलित हो गए और आपदा प्रबंधन टीमों को घंटों तक इसका पता ही नहीं लगा। रामगढ़ ब्लॉक के झुतिया में राहत कार्य में लगे हली निवासी पीतांबर जोशी व कृष्णानंद शास्त्री ने बताया कि दोपहर साढ़े तीन बजे तक एक भी मजदूरों के शव नहीं निकाले जा सके हैं। पास में ही एक गौशाला और मलबे में दबी है। उसमें भी मजदूरों के दबे होने की आशंका है।
उन्होंने बताया कि मौके तक पहुंचने के लिए बना पुल बह गया है, जिससे संपर्क भंग है। एक मजदूर घायल है, उसके उपचार के लिए कोई चिकित्सा कर्मचारी नहीं है। गांव में तीन दिन से बिजली सप्लाई ठप है। ऐसे में मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहे हैं। बाजार में बैंक के जेनरेटर से मोबाइल चार्ज करने के बाद बातचीत संभव हो सकी है।
तल्ला रामगढ़ में मकान बहे
तल्ला रामगढ़ में बारिश ने तबाही मचाई है। क्षेत्रवासी पीतांबर जोशी के अनुसार तल्ला रामगढ़ में चंदन सिंह मेर, डाक्टर तिवारी व एक अन्य का घर बह गया है। प्रभावित परिवारों ने शेर सिंह मेर के घर में शरण ली है।