अब पहाड़ पर बैलाेंं की तरह खेतों में काम नही करेंगी महिलाएं, अत्याधुनिक कृषि यंत्र वितरित

मुख्यालय से लगभग 85 किमी दूर दक्षिणी छोर पर जिले का अंतिम गांव गोगिना में कृषि विभाग के माध्यम से यंत्रों का वितरण किया। महिलाओं को दो अत्याधुनिक पावर बीडर और 5 ग्रास बिडलिंग के लिए पंजे उपलब्ध कराए गए।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 08:30 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 06:37 PM (IST)
अब पहाड़ पर बैलाेंं की तरह खेतों में काम नही करेंगी महिलाएं, अत्याधुनिक कृषि यंत्र वितरित
महिलाओं को कृषि यंत्रों के संचालन का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : राज्य महिला आयोग के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने जिले के दूरस्थ व दुर्गम गांवों में रह रही महिलाओं को अत्याधुनिक कृषि यंत्र वितरित किए। इसके साथ ही महिलाओं को इन यंत्रों को चलाने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब समूहों को कृषि यंत्र दिए जाने की योजना हैं।

दैनिक जागरण में पहाड़ के गांव में बैलों की तरह हाड़-तोड़ काम करती है महिलाएं, प्रदेश के विकास पर प्रश्नचिह्न शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। जिसका एक बार फिर असर हुआ है। राज्य महिला आयोग के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने तत्काल जिला स्तरीय टीम बनाई। जिसने पता लगाया कि गांवों में कृषि यंत्रों की आवश्यकता है। उन्होंने मुख्यालय से लगभग 85 किमी दूर दक्षिणी छोर पर जिले का अंतिम गांव गोगिना में कृषि विभाग के माध्यम से यंत्रों का वितरण किया। महिलाओं को दो अत्याधुनिक पावर बीडर और 5 ग्रास बिडलिंग के लिए पंजे उपलब्ध कराए गए। इसके अलावा समूह बनाकर आधुनिक कृषि यंत्रों का भी वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा महिलाओं को कृषि यंत्रों के संचालन का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

मुख्य कृषि अधिकारी वीपी मौर्या ने कहा कि कृषि यंत्रों का वितरण किया जा चुका है। इससे काश्तकारों को अपने खेतों में जुताई आदि करने में सहूलियत होगी। अब समूह बनाकर भी कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।

राज्य महिला आयोग उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा का कहना है क‍ि पहाड़ की अर्थव्यवस्था की रीढ़ महिलाएं है। अगर उनको अाधुनिक तकनीकियों से नही जोड़ा गया तो पहाड़ का यह आर्थिक आधार खत्म हो जाएगा। सरकार महिलाओं के लिए कई योजनाएं लेकर आई है। संबंधित विभागों को इसकी जागरुकता करनी होगी। महिलाओं को सीधे योजना का लाभ मिलना चाहिए।

यह भी पढ़ेेंं : पहाड़ के गांव में बैलों की तरह हाड़-तोड़ काम करती हैं महिलाएं, प्रदेश के विकास पर प्रश्नचिह्न     

chat bot
आपका साथी