अब कैसे होंगे फेरे, सरकार ने विवाह समारोह में जब दी रियायत तब तक निकल गया मुहूर्त
सरकार ने शादियों के लिए थोड़ी रियायत जरूरत दी है लेकिन इधर दूसरी मुसीबत खड़ी हो गई है। जून व जुलाई में अब शादियों के लिए पांच-पांच शुभ मुहूर्त बचे हैं। 20 जुलाई को देवशयन एकादशी यानी चातुर्मास की शुरुआत हो जाएगी। अगले चार महीनों में विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : प्रदेश सरकार ने विवाह समारोह में शामिल होने वालों की संख्या में बढ़ोतरी कर 50 कर दिया है। हालांकि विवाह में शामिल होने वालों को 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखानी होगी। सरकार ने शादियों के लिए थोड़ी रियायत जरूरत दी है, लेकिन इधर दूसरी मुसीबत खड़ी हो गई है। जून व जुलाई में अब शादियों के लिए पांच-पांच शुभ मुहूर्त बचे हैं। 20 जुलाई को देवशयन एकादशी यानी चातुर्मास की शुरुआत हो जाएगी। जिससे अगले चार महीनों में विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे। इसके बाद नवंबर में शहनाई गूजेगी।
शादी के लिए अबूझ मुहूर्त
श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि इस साल चातुर्मास के कारण शादियों के लिए मुहूर्त बहुत कम हैं। इसके लिए लोगों को अबूझ मुहूर्त का इंतजार करना होगा। देश के कुछ हिस्सों में आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष की नवमी को अबूझ मुहूर्त मान कर इस तिथि में शादियां की जाती हैं। इसे भड़ली नवमी कहा जाता है। इस बार यह तिथि 18 जुलाई को है। हालांकि कुछ पंचांगों में तीन जुलाई तक ही मुहूर्त दिखाए गए हैं। इसके बाद अगला अबूझ मुहूर्त 14 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर रहेगा। चार महीने बाद इसी दिन से शादियों की शुरुआत होगी।
साल के साढे पांच महीने कोई मुहूर्त नहीं
आगामी 20 जुलाई से देवशयन शुरू हो जाएगा। यह 14 नवंबर तक रहेगा। तकरीबन चार महीनों के दौरान शुभ कार्य वर्जित रहेंगे। इसके बाद 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच सूर्य धनु राशि में आ जाएगा। जिसे धनुर्मास कहते हैं। इस एक महीने के दौरान भी शुभ काम नहीं किए जाते हैं। इस तरह जुलाई से दिसंबर तक छह महीनों में सिर्फ 13 दिन विवाह मुहूर्त हैं।
जून के मुहूर्त : 19, 20, 22, 23 व 24 जून
जुलाई के मुहूर्त : 1, 2, 7, 13 व 15 जुलाई
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