अब हिमाचल और उप्र की बसों को जांचेगा उत्तराखंड रोडवेज nainital news

रोडवेज की नई बसों में लगातार तकनीकी खामियां मिलने से अब अधिकारी भी परेशान हो गए हैं वहीं ऐसी ही बसें जो बसें हिमाचल-उप्र ने खरीदी हैं उनका वहां क्‍या हाल है अफसर जानेंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 30 Nov 2019 11:12 AM (IST) Updated:Sat, 30 Nov 2019 11:12 AM (IST)
अब हिमाचल और उप्र की बसों को जांचेगा उत्तराखंड रोडवेज nainital news
अब हिमाचल और उप्र की बसों को जांचेगा उत्तराखंड रोडवेज nainital news

हल्द्वानी, जेएनएन : रोडवेज की नई बसों में लगातार तकनीकी खामियां मिलने से अब अधिकारी भी परेशान हो गए हैं। उत्तराखंड रोडवेज ने बसों की जांच पूरी होने तक टाटा कंपनी का 36 करोड़ का भुगतान फिलहाल रोके रखने का निर्णय लिया है। वहीं फैसला लिया गया है कि जो बसें उत्तराखंड ने खरीदीं, उन्हीं को हिमाचल-उप्र ने भी खरीदा। ऐसे में वहां उन बसों की हालत क्या है? यह जांचने के लिए रोडवेज के अफसर अब हिमाचल और उत्तर प्रदेश रवाना हो चुके हैं। विभाग सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (सीआइआरटी) पुणे से भी जांच करवाने की तैयारी में जुट गया है।

परिवहन निगम के बेड़े में शामिल अधिकांश बसों की हालत लंबे समय से खराब होने से हाल में प्रदेश में रोडवेज के बेड़े में 125 नई बसें शामिल हुई थीं। अफसरों ने इन हाईटेक बसों को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे, मगर अधिकांश रूट पर दौड़ते ही हांफने लगीं। सबसे पहले 'दैनिक जागरणÓ ने 20 नवंबर के अंक में बसों की इन खामियों को उजागर किया था, जिसके बाद निगम के अधिकारियों ने खबर का संज्ञान लेते हुए सभी नई बसों का संचालन बंद कर कंपनी को समस्याओं की जांच कर समाधान किए जाने के निर्देश दिए।

कंपनी ने खड़ी बसों का लिया जायजा

टाटा कंपनी की टीम शुक्रवार को डिपो पहुंची और तकनीकी खामियों का ब्योरा लिया। अल्मोड़ा डिपो में नौ, रानीखेत में पांच, भवाली में छह, काठगोदाम में छह, रामनगर में छह, हल्द्वानी में सात, रुद्रपुर में चार, काशीपुर में चार और जेएनयूआरम में तीन बसें खड़ी हैं।

बसों में गियर लीवर की थी दिक्कत

सबसे पहले हल्द्वानी डिपो की दिल्ली रूट की बस (यूके 07 पीए 4225) का गियर लीवर टूट गया था। बस रास्ते में ही खड़ी हो गई थी। इसके बाद भवाली डिपो की बस (यूके 07 पीए 4212) में भी यही दिक्कत सामने आई। अल्मोड़ा में भी तकनीकी खामियां की शिकायत आने लगी थीं।

2016 में ली गई बसें अभी भी भर रही रफ्तार

परिवहन निगम में वर्ष 2016 में भी नई बसों खरीदी गई थी। 480 बसों में 368 बसें टाटा व 112 अशोक लीलैंड की थीं। उस समय निगम के बेड़ों में शामिल हुई टाटा कंपनी की ये बसें आज भी सड़कों पर रफ्तार भर रही हैं।

परिवहन निगम के एमडी रणबीर सिंह चौहान का कहना है कि हमारे लिए सर्वप्रथम यात्री और स्टाफ की सुरक्षा मायने रखती है। इसलिए हमने सभी बसों की फिर से जांच न हो जाने तक संचालन बंद कर दिया है। टाटा के अलावा हमने सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (सीआइआरटी) पुणे द्वारा भी जांच करवाए जाने का फैसला लिया है।

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