Uttarakhand : अब कैदी होंगे नशे से दूर, राज्य के सभी जेलों में योग कराएगी आर्ट आफ लिविंग

नशे से कैदियों को दूर रखने की कवायद शुरू हो गई है। हरिद्वार देहरादून व सितारगंज में बंद सभी कैदियों को नियमित सुदर्शन क्रिया योग कराया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि इस योग से कैदियों की नशे की आदत छूट रही है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 03:16 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 03:16 PM (IST)
Uttarakhand : अब कैदी होंगे नशे से दूर, राज्य के सभी जेलों में योग कराएगी आर्ट आफ लिविंग
शासन स्तर से भी जेलों में योग की निगरानी की जाएगी।

दीप चंद्र बेलवाल, हल्द्वानी। जेल में बंद कैदियों को नशे से दूर रखने के प्रयास शुरू हो गए हैं। हरिद्वार, देहरादून व सितारगंज जेल में योग के सकारात्मक परिणाम आने के बाद राज्य की अन्य जेलों में योग को अनिवार्य कर दिया गया है। योग कर कैदी नशे को तौबा कहेंगे। बकायदा शासन स्तर से भी जेलों में योग की निगरानी की जाएगी। 

राज्य के 11 जेलों में बंद सैकड़ों कैदी नशे की गिरफ्त में हैं। हालत ये है कि जेल से ही बदमाश नशे का नेटवर्क चला रहे हैं। पौड़ी गढ़वाल के बाद अल्मोड़ा में नशे का नेटवर्क एसटीएफ तोड़ चुकी हैं। जेल में बंद कैदी किसी भी बहाने से नशे का सेवन चोरी-छिपे कर ही लेते हैं। कैदियों का नशा जेल प्रशासन के लिए भी सिर दर्द बन चुका है। नशे के लती बदमाशों की जेलों में अलग से निगरानी की जाती है। ऐसे में नासूर बन चुके नशे से कैदियों को दूर रखने की कवायद शुरू हो गई है। हरिद्वार, देहरादून व सितारगंज में बंद सभी कैदियों को नियमित सुदर्शन क्रिया योग कराया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि इस योग से कैदियों की नशे की आदत छूट रही है। योग का रिजल्ट पक्ष में आने के बाद जेल अधिकारियों ने राज्य की सभी जेलों में इसे अनिवार्य कर दिया है। हल्द्वानी जेल में भी इसकी तैयारी शुरू हो गई है। इसके बाद अल्मोड़ा की जेल में भी कैदियों को योग करना होगा। इसका सारा जिम्मा आर्ट आफ लिविंग संस्था को सौंपा गया है। 

  

इस तरह चलेगी योग क्लास 

कैदियों को प्रतिदिन सुबह सात बजे उठकर मैदान में एकत्र होना होगा। आर्ट आफ लिविंग के योग प्रशिक्षक दो घंटे तक सुदर्शन क्रिया, ध्यान व योग कराएंगे। इस दौरान नशे के दुष्प्रभाव भी कैदियों को बताए जाएंगे। सभी कैदियों के लिए योग की क्लास अनिवार्य होगी। 

आइजी जेल पुष्पक ज्योति ने बताया कि राज्य की सभी जेलों में कैदियों को योग कराया जा रहा है। योग से जहां कैदी शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे। वहीं सुदर्शन क्रिया से नशे की लत दूर होगी। आर्ट आफ लिविंग केकोआर्डिनेटर दिनेश भगत ने जानकारी दी कि राज्य के तीन जिलों की जेलों में योग चल रहा है। नशे के आदी कैदियों में इससे काफी हद तक सुधार हुआ है। हल्द्वानी जेल में भी योग कराने की तैयारी हो रही है। 

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