अब नेपाल से भारत आने पर पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य, बिना आइडी कार्ड के प्रवेश नहीं

बैठक में सहमति बनी थी कि सीमा क्षेत्र में किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम और संदिग्धों पर निगाह रखने के लिए दोनों देश सीमा पुलों पर परिचय पत्र के आधार ही एक दूसरे देश के नागरिकों को अपने यहां प्रवेश देंगे।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 05:25 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 05:25 PM (IST)
अब नेपाल से भारत आने पर पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य, बिना आइडी कार्ड के प्रवेश नहीं
पुलों पर परिचय पत्र के आधार ही एक दूसरे देश के नागरिकों को अपने यहां प्रवेश देंगे।

जागरण संवाददाता, धारचूला (पिथौरागढ़) :  आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी ने चैकिंग अभियान तेज कर दिया है। नेपाल से भारत आने वाले लोगों को अब पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। पहचान पत्र दिखाने के बाद ही भारत में प्रवेश दिया जाएगा। 

पिछले दिनों पिथौरागढ़ में हुई भारत-नेपाल समन्वय समिति की बैठक में भी इस मुद््दे पर चर्चा हुई थी। बैठक में सहमति बनी थी कि सीमा क्षेत्र में किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम और संदिग्धों पर निगाह रखने के लिए दोनों देश सीमा पुलों पर परिचय पत्र के आधार ही एक दूसरे देश के नागरिकों को अपने यहां प्रवेश देंगे। 

इस फैसले के बाद एसएसबी ने झूलाघाट, जौलजीबी, बलुवाकोट, धारचूला में झूला पुलों से भारत में प्रवेश करने वाले नेपाली नागरिकों से पहचान पत्र मांगें जा रहे हैं। पहचान पत्र के आधार पर ही नेपाली नागरिकों को भारत में प्रवेश दिया जा रहा है। पहचान पत्र के रू प में कोई भी दस्तावेज दिखाया जा सकता है। एसएसबी का कहना है कि सीमा पुलों पर चैकिंग के आधार पर प्रवेश एक रू टीन प्रक्रिया है। नेपाल से आने वाले लोगों को सामान्य जांच के बाद ही भारत में प्रवेश दिया जाता है।

डेढ़ माह से दारमा घाटी में फंसे हैं दर्जनों वाहन, टैक्सी संचालक परेशान 

धारचूला : अक्टूबर मध्य में हुई भारी बारिश से बंद पड़ी दारमा सड़क में दर्जनों वाहन फंसे पड़े हैं। इनमें कई टैक्सियां भी शामिल हैं। टैक्सियां फंस जाने से चालकों के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। बार-बार हो रहा भूस्खलन सड़क खोलने में बाधा खड़ी कर रहा है। 

16 एवं 17 अक्टूबर को हुई भारी बारिश से दर के पास विशाल चट्टान के दरक जाने से दारमा मार्ग बाधित हो गया। सीपीडब्लूडी पिछले एक माह से सड़क खोलने का प्रयास कर रहा है, लेकिन लगातार हो रहा भूस्खलन इसमें बाधा खड़ी कर रहा है। भूगर्भ विभाग की टीम ने गांव का दौरा कर गांव के 35 परिवारों को विस्थापित करने की संस्तुति की थी। 

मार्ग बंद होने से दर से ऊपर के क्षेत्र में दर्जनों वाहन 16 अक्टूबर से फंसे हुए हैं। इस रू ट पर चलने वाले कई टैक्सी चालक वाहन फंस जाने से परेशान हैं। टैक्सी चालकों का कहना है कि सड़क बंद होने से उनकी आजीविका ठप है, लेकिन उन्हें परिवहन विभाग के तमाम टैक्स जमा करने पड़ रहे हैं। इस दोतरफा चोट से उनके समक्ष विषम आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। टैक्सी चालकों ने मांग की है कि उनकी टैक्सियों को अविलंब निकाला जाए और सड़क बाधित रहने की अवधि के उनके टैक्स माफ किए जाए।

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