अब आशाओं को ठगी का जरिया बना रहे साइबर फ्रॉड, बागेश्‍वर में सामने आया ऐसा मामला

साइबर ठगों ने इस बार गांव तक पहुंचने के लिए आशा कार्यकर्ताओं का सहारा लिया है। आशा कार्यकर्ताओं से ऐसी महिलाओं की पर्सनल बैंक डिटेल ले रहे हैं जो हाल में मां बनी हैं। उनके खाते में सरकारी योजना का रुपए आने के बहाने ठगी की कोशिश कर रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 07:19 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 07:19 PM (IST)
अब आशाओं को ठगी का जरिया बना रहे साइबर फ्रॉड, बागेश्‍वर में सामने आया ऐसा मामला
अब आशाओं को ठगी का जरिया बना रहे साइबर फ्रॉड, बागेश्‍वर में सामने आया ऐसा मामला

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : साइबर ठगों ने इस बार गांव तक पहुंचने के लिए आशा कार्यकर्ताओं का सहारा लिया है। वह आशा कार्यकर्ताओं से ऐसी महिलाओं की पर्सनल बैंक डिटेल ले रहे हैं जो हाल में मां बनी हैं। उनके खाते में सरकारी योजना का रुपए आने के बहाने बैंक खाता साफ करने की कोशिश कर रहे हैं। बागेशवर जिले में ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। शुक्र रहा कि आशा कार्यकर्ता को समय रहते उनके फ्रॉड का पता चल गया और उन्‍होंने संबंधित महिलाओं को अलर्ट कर दिया। पुलिस को मामले की जानकारी लगने के बाद पूरे मामले की जांच शुरू हो गई है।

रविवार को दुग-नाकुरी तहसील के पचार की आशा दया पांडेय के मोबाइल पर 7250373798 नंबर से फोन आया। कॉलर ने खुद को देहरादनू का डा. सुशील बताया और 2020-21 में जन्‍मे हुए बच्चों की डिटेल मांगी। उनके माता-पिता का नाम, बच्चे का वजन, मोबाइल नंबर, जन्मतिथि आदि के बारे में पूछा। आशा से कहा गया कि ऐसे बच्चों के मां के खाते में छह हजार डाले जाएंगे। इसकी जानकारी उन्हें दे दो। पूरी डिटेल देने के बाद दया ने गांव के चारों लोगों को भी बता दिया कि डाक्टर का फोन आएगा। इसी दौरान डाक्टर सुशील का फिर आशा के पास फोन आया कि आप उन्हें यह बता दो कि डाक्टर साहब जो भी डिटेल मांगेंगे आप दे देना। इस बात से आशा को शक हो गया। उन्होंने जब डाक्टर से उसके बारे में पूरी जानकारी मांगी तो वह भड़क गया और गालीगलौज पर उतारू हो गया।

गाली देते ही आशा समझ गई कि यह साइबर ठग है। उसने गांव के चारों लोगों को फर्जी डाक्टर के झांसे में नहीं आने के लिए फोन किया। इस बीच डाक्टर दो दंपती से संपर्क कर चुका था, दोनों दंपती ने उन्हें शाम को बैंक डिटेल देने की बात की। इस दौरान आशा ने सभी को जागरूक कर दिया। इसके अलावा उसी डाक्टर ने उसी नंबर से आशा फैसिलेटर चंद्रा पाठक को भी झांसे में ले लिया, हालांकि चंद्रा की बेटी ने उसे भांप लिया। दोनों के जागरूक होने से साइबर ठगी होने से बच गई। वहीं मामले में पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने बताया कि फोन पर लालच देकर डिटेल मांगने वालों को किसी भी तरह की जानकारी न दें। ऐसे लोगों का नंबर पुलिस को दें। पचार की आशा को झांसा देने वाले का नंबर सर्विलांस में रखा जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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