संसाधन न पर्याप्त मजदूर इस हाल में कैसे खुलेगी सड़क, राज्य आंदोलनकारियों ने उठाई जांच की मांग
आंदोलनकारी राजेंद्र भट्ट ने कहा है कि 1200 करोड़ की लागत से बनी आल वेदर सड़क की निविदा में यह शर्त निर्धारित की गई थी कि सड़क का काम करने वाली कंपनी के पास किसी भी स्थिति से निपटने का पर्याप्त अनुभव हो पर्याप्त मशीनरी और मैन पावर उपलब्ध हो।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : 1200 करोड़ की भारी भरकम धनराशि खर्चने के बाद भी चार दिन से ऑल वेदर सड़क बंद होने को लेकर अब गंभीर सवाल उठने लगे हैं। राज्य आंदोलनकारियों ने एक बार फिर इस सड़क के निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच की मांग तेज कर दी है।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी राजेंद्र भट्ट ने कहा है कि 1200 करोड़ की लागत से बनी आल वेदर सड़क की निविदा में यह शर्त निर्धारित की गई थी कि सड़क का काम करने वाली कंपनी के पास किसी भी स्थिति से निपटने का पर्याप्त अनुभव हो, पर्याप्त मशीनरी और मैन पावर उपलब्ध हो। टनकपुर-पिथौरागढ़ सड़क में शुरू आत से ही खेल चल रहा है। सड़क निर्माण का कार्य जिस कंपनी को सौंपा गया, उसके प्रतिनिधियों ने कभी पहाड़ का रू ख नहीं किया। कंपनी ने उत्तराखंड के कुछ ठेकेदारों को काम सौंप दिया। इन ठेकेदारों ने स्थानीय ठेकेदारों को काम की जिम्मेदारी सौंप दी। स्थानीय ठेकेदारों के पास न पर्याप्त मशीनरी है और नहीं मैन पावर। ऐसे ठेकेदारों के पास सड़क बंद होने पर उसे तत्काल खोलने का भी कोई अनुभव नहीं है। ये ठेकेदार भी बाजार से मशीनरी किराए पर लेकर बंद सड़क को खोलने का काम कर रहे हैं। पर्याप्त मशीनरी होने पर उन्हें अलग-अलग स्थानों में लगाकर तेजी से कार्य कराया जा सकता था।
राज्य आंदोलनकारी भट्ट ने कहा है कि सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए चट्टानों की कटिंग में तकनीक को ध्यान में रखा गया। मनमाने ढंग से चट्टानें काट दी गई, जो पहली बरसात में ही टूटकर सड़कों पर गिर रही हैं। उन्होंने सड़क निर्माण की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सड़क को शीघ्र खोलने के साथ ही भविष्य में आवागमन बंद होने पर जिले के राज्य आंदोलनकारी आंदोलन को बाध्य होंगे।
एनएच सहायक अभियंता पीएल चौधरी ने बताया कि बंद सड़क को खोलने के लिए मशीनरी और मैन पावर की कोई कमी नहीं रखी गई है, लेकिन मलबा बहुत अधिक आ जाने और लगातार बारिश होने से कार्य की गति प्रभावित हो रही है। सड़क को जल्द से जल्द खोलने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
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