न्यूनतम 7500 पेंशन की लड़ाई के लिए 18 दिसंबर को लखनऊ में जुटेंगे गैर सरकारी क्षेत्र के पेंशनर्स
चार सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्षरत पेंशनर्स ने 18 दिसंबर को लखनऊ में आयोजित महासम्मेलन में जुटने का ऐलान किया है। गुरुवार को बुद्धपार्क में हुई बैठक में उत्तराखंड से अधिक से अधिक पेंशनरों की भागीदारी सुनिश्चित करने की रणनीति बनी।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कर्मचारी पेंशन स्कीम (ईपीएस-95) के तहत गैर सरकारी क्षेत्र के पेंशनभागियों ने न्यूनतम 7500 मासिक पेंशन की मांग दोहराई है। चार सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्षरत पेंशनर्स ने 18 दिसंबर को लखनऊ में आयोजित महासम्मेलन में जुटने का ऐलान किया है। गुरुवार को बुद्धपार्क में हुई बैठक में उत्तराखंड से अधिक से अधिक पेंशनरों की भागीदारी सुनिश्चित करने की रणनीति बनी।
राष्ट्रीय संघर्ष समिति उत्तराखंड इकाई के संयोजक जगत सिंह डोबाल ने कहा कि गैर सरकारी क्षेत्र के पेंशनरों की हितों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आहवान पर लखनऊ में आयोजित महासम्मेलन में उत्तराखंड से बड़ी संख्या में पेंशनर शामिल होंगे। बाद में दो मिनट का मौन रखकर हेलीकाप्टर में दुर्घटना में मारे गए सीडीएस जनरल बिपिन रावत व अन्य की आत्मशांति के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां पान सिंह नेगी, मनोज वर्मा, कैलाश गुरुरानी, जोध सिंह बिष्ट, नंदलाल वर्मा, जगदीश पडलिया, चंद्रशेखर शर्मा, कौस्तुभानंद पांडे, पीएन वर्मा आदि ने विचार रखे। एफसीआइ, परिवहन निगम, रोडवेज निगम, सेंचुरी पेपर मिल, एचएमटी आदि के रिटायर्ड कर्मचारी मौजूद रहे।
ये हैं पेंशनर्स की मांगेें
-न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये प्रति माह व डीए दिया जाए।
-सेवानिवृति के समय आहरित वेतन के आधार पर पेंशन गणना करने का उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन हो।
-रिटायर्ड कर्मचारियों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिले।
-भूलवश कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का सदस्य नहीं बने रिटायर्ड कर्मियों को पांच हजार रुपये अंतरित राहत राशि मिले।