कोरोना मरीजों की जांच व निवाले का कोई समय नहीं, बढ़ रहे मरीजों से खड़ा होगा संकट
डा. सुशीला तिवारी कोविड अस्पताल में दोगुनी मुसीबत झेलनी पड़ सकती है। मरीजों को न समय पर भोजन मिल रहा है और न ही उसकी जांच हो पा रही है। ऐसा इसलिए कि अस्पताल के उपनलकर्मी 19 दिन से हड़ताल पर है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कोरोना मरीजों को डा. सुशीला तिवारी कोविड अस्पताल में दोगुनी मुसीबत झेलनी पड़ सकती है। मरीजों को न समय पर भोजन मिल रहा है और न ही उसकी जांच हो पा रही है। ऐसा इसलिए कि अस्पताल के उपनलकर्मी 19 दिन से हड़ताल पर है। सबसे अधिक संख्या वार्ड ब्वाय, आया, पर्यावरण मित्र व नर्सों की है। जबकि अस्पताल में कोरोना संक्रमित 81 मरीज भर्ती हो चुके हैं। इसके बावजूद जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारियों ने मुंह फेर लिया है।
एसटीएच में जैसे-तैसे 12 दिन तक जैसे-तैसे व्यवस्था बनाई जा रही थी, लेकिन पिछले पांच दिन में कोरोना संक्रमित 81 मरीज भर्ती हो चुके हैं। 157 बेड तैयार किए जा चुके हैं। प्रतिदिन 12 से 15 मरीज भर्ती होने लगे हैं। ऐसे में वार्डों में काम करने वाले कर्मचारियों का टोटा हो गया है। उपनल से ही 262 वार्ड व आया कार्यरत हैं। जो कोरोना से लेकर हर वार्ड में ड्यूटी करते हैं। कोरोना वार्ड में मरीजों को भोजन वितरित करने, मरीज को एक्सरे, सीटी आदि जांच के लिए ले जाने, दवाइयां वार्ड तक पहुंचाने समेत तमाम महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। यह काम प्रभावित हो गया। अस्पताल प्रबंधन ने चंद कर्मचारी लगाए तो हैं, लेकिन कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों को समय पर भोजन नहीं मिल पा रहा है। जांच के लिए भी समय पर पहुंचना मुश्किल हो गया है। यही हाल दवाइयां के पहुंचने का है। अन्य कई महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हैं। अस्पताल के नियमित पर्यावरण मित्रों की तरह सफाई भी संभव नहीं हो पा रही है। संकट लगातार बढ़ रहा है। कोरोना मरीजों की दिक्कतें दोगुनी हो गई हैं। इसके बावजूद सरकार को कोई प्रतिनिधि ध्यान देने को तैयार नहीं है।
उपनलकर्मियों की यह है स्थिति
पद संख्या
फार्मेसिस्ट 13
नर्स 59
वार्ड ब्वाय आया 262
पर्यावरण मित्र 127
टेक्नीशियन 66
लिपिक 118
मेंटीनेंस टेक्नीशियन 42
चिकित्सा अधीक्षक, एसटीएच डा. अरुण जोशी का कहना है कि मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बेड बढ़ाने पड़ रहे हैं। कर्मचारियों की संख्या कम है। इसलिए जैसे-तैसे व्यवस्था बनाई जा रही है। मरीजों को किसी तरह की असुविधा न हो। इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
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