महाकुंभ कोविड टेस्ट फर्जीवाड़े में आरोपित को राहत नहीं, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
आरोपित मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरत पंत व मल्लिका पंत के अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। कोर्ट ने फिलहाल कोई राहत नहीं देते हुए सरकार को 11 नवम्बर तक जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : उच्च न्यायालय ने महाकुंभ हरिद्वार में कोविड टेस्टिंग फर्जीवाड़े में आरोपित मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरत पंत व मल्लिका पंत के अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। कोर्ट ने फिलहाल कोई राहत नहीं देते हुए सरकार को 11 नवम्बर तक जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 11 नवंबर नियत की है।
सोमवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। पूर्व मे कोर्ट ने जांच में सहयोग करने व सीजेएम हरिद्वार के समक्ष अंतरिम जमानत हेतु प्रार्थना पत्र पेश करने को कहा था, सरकार की तरफ से कहा गया था कि जांच में इनके खिलाफ अन्य आरोप भी पाए गए है।
शरद पंत व मल्लिका पंत ने याचिका दायर कर कहा था कि वह मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेस में एक सर्विस प्रोवाइडर है। परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था, सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था। इन अधिकारियों की मौजूदगी में परीक्षण स्टालों ने जो कुछ भी किया था उसे अपनी मंजूरी दे दी। अगर कोई गलत कार्य कर रहा था तो कुंभ मेले के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान इनके द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्ट इत्यादि कराए गए।