Kumaon Weather Update : मैदानी जिलों में गर्मी से राहत नहीं, पर्वतीय हिस्सों में आज छा सकते हैं बादल

Kumaon Weather Update गर्मी से फिलहाल कोई राहत नहीं है। विशेषकर मैदानी जिलों में अगले पांच दिन चटख धूप निकलने की संभावना है। शुक्रवार को दोपहर बाद कहीं कहीं पर तेज हवा चल सकती है। मौसम शुष्‍क बना रहेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 07:13 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 07:13 AM (IST)
Kumaon Weather Update : मैदानी जिलों में गर्मी से राहत नहीं, पर्वतीय हिस्सों में आज छा सकते हैं बादल
Kumaon Weather Update : मैदानी जिलों में गर्मी से राहत नहीं, पर्वतीय हिस्सों में आज छा सकते हैं बादल

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Kumaon Weather Update : गर्मी से फिलहाल कोई राहत नहीं है। विशेषकर मैदानी जिलों में अगले पांच दिन चटख धूप निकलने की संभावना है। शुक्रवार को दोपहर बाद कहीं कहीं पर तेज हवा चल सकती है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को पर्वतीय जिलों में आंशिक बादल छाने के साथ कहीं कहीं पर बूंदाबांदी या गरज के साथ बौछार पडऩे की संभावना जताई है। मौसम का यह मिजाज शनिवार को भी बना रह सकता है। इससे पर्वतीय जिलों के तापमान में कुछ कमी आ सकती है। 

हल्द्वानी में 38 तो पंतनगर में 39.4 डिग्री पारा 

कुमाऊं के मैदानी हिस्सों में गर्मी का प्रभाव बना हुआ है। गुरुवार को तापमान में मामूली गिरावट दिखी। हल्द्वानी का अधिकतम तापमान 38 डिग्री व न्यूनतम 15.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। ऊधमसिंह नगर जिले के पंतनगर का अधिकतम तापमान 39.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह ने बताया कि ऊधमसिंह नगर व नैनीताल के मैदानी हिस्सों में गर्मी का असर बने रहने की संभावना है। 

कुमाऊं के प्रमुख स्टेशनों का तापमान 

स्टेशन       अधिकतम     न्यूनतम 

हल्द्वानी      38.0          15.1

नैनीताल     27.0           20.0

मुक्तेश्वर     25.4          12.7

अल्मोड़ा     30.7          14.1

चम्पावत     26.0           11.0

पिथौरागढ़    29.1          13.0

बारिश नहीं होने का सब्जियों पर असर 

इस बार बारिश ने निराश किया है। किसान सबसे अधिक चिंतित है। कम बारिश के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में रबी की फसल के साथ सब्जियां प्रभावित हुई है। ओखलकांडा, धारी, रामगढ़ ब्लॉक में आलू की फसल पर पानी की कमी का प्रभाव दिखने लगा है। इससे किसान चिंतित हैं।

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