काेरोना काे लेकर सरकारी स्कूलों में नहीं सुरक्षा के इंतजाम, सीएम से की बंद करने की मांग

राज्यभर में उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के विद्यालय संचालित हो रहे हैं। कोरोना गाइड लाइन के अनुरूप सुरक्षा व मानकों को पूरा करने के इंतजाम भी इन स्कूलों में न्यून है। ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों और शिक्षकों को स्कूल बुलाया जाना मानवीय दृष्टिकोण से बिलकुल ठीक नहीं है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 04:09 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 04:09 PM (IST)
काेरोना काे लेकर सरकारी स्कूलों में नहीं सुरक्षा के इंतजाम, सीएम से की बंद करने की मांग
उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ नैनीताल के जिलाध्यक्ष मनोज तिवारी ने सीएम को पत्र भेजा है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कोरोना काल में सरकारी स्कूल अब भी खुले हुए हैं। जिन्हें बंद करने की मांग लगातार उठ रही है। मामले में अब उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ नैनीताल के जिलाध्यक्ष मनोज तिवारी ने सीएम को पत्र भेजा है। 

 पत्र में मनोज तिवारी ने बताया है कि कोरोना संक्रमण पहले से भी खतरनाक है और अधिक तेजी से फैल रहा है। एहतियात के तौर पर सरकारी और गैर सरकारी दफ्तरों में 50 फीसद कर्मचारियों को ही बुलाया जा रहा है। डिग्री कॉलेज, अन्य उच्च शिक्षण संस्थान, प्राइवेट स्कूल बंद किये जा चुके हैं। जिनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो चुकी है। लेकिन सरकारी स्कूलों को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। राज्यभर में उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के विद्यालय संचालित हो रहे हैं। कोरोना गाइड लाइन के अनुरूप सुरक्षा व मानकों को पूरा करने के इंतजाम भी इन स्कूलों में न्यून है। ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों और शिक्षकों को स्कूल बुलाया जाना मानवीय दृष्टिकोण से बिलकुल ठीक नहीं है।

जिलाध्यक्ष तिवारी ने मांग उठाई की सरकारी स्कूलों के संचालन के सम्बंध में जल्द कोई उचित निर्णय लिया जाना बेहद जरूरी है। इससे पूर्व संगठन के जिला मंत्री डिकर सिंह पडियार ने भी सरकारी स्कूलों को बंद करने की मांग उठाई थी। कहा था कि वर्तमान में संक्रमण अपने चरम पर है और ऐसी स्थिति में विद्यालय खुले रहेंगे तो निश्चित रूप से बच्चो के संक्रमित होने की संभावना बन सकती है।

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