ऑक्सीजन प्लांट न होने के कारण एसटीएच में हर बेड ते ले जाना पड़ रहा है सिलेंडर

जैसे-जैसे कोविड का प्रकोप बढ़ रहा है अस्पतालों में ऑक्सीजनयुक्त बेड की जरूरत भी बढ़ गई है। फि‍र भी एसटीएच में ऑक्‍सीजन प्‍लांट की सुवि‍धा नहीं है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 07:37 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 07:37 AM (IST)
ऑक्सीजन प्लांट न होने के कारण एसटीएच में हर बेड ते ले जाना पड़ रहा है सिलेंडर
ऑक्सीजन प्लांट न होने के कारण एसटीएच में हर बेड ते ले जाना पड़ रहा है सिलेंडर

हल्द्वानी, जेएनएन : जैसे-जैसे कोविड का प्रकोप बढ़ रहा है अस्पतालों में ऑक्सीजनयुक्त बेड की जरूरत भी बढ़ गई है। हर बेड पर सिलेंडर न ले जाना पड़े, इसके लिए ऑक्सीजन प्लांट लगा होना चाहिए था, लेकिन डॉ. सुशीला तिवारी कोविड अस्पताल में भी यह सुविधा अभी तक नहीं है। जबकि यहां पर कुमाऊं भर के गंभीर मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं।

ऐसा नहीं कि एसटीएच में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए प्रयास न हुए हों, कई बार प्रस्ताव शासन को भेजे गए। इसके बावजूद शासन स्तर पर बजट जारी नहीं किया गया। अब कोविड मरीजों से अस्पताल पटने लगा है। लगातार ऑक्सीजनयुक्त बेड की जरूरत महसूस की जाने लगी है। एक समय में ही 100 से अधिक मरीजों को आक्सीजनयुक्त बेड पर रखना पड़ रहा है। इस विषम स्थिति के बाद सरकार की नींद खुली और एसटीएच में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की सुध आई।

इसके लिए 350 बेड पर सीधे ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए सवा पांच करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। काम शुरू करवाने के लिए पहले चरण में 299.68 लाख रुपये जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा 350 बेड पर ऑक्सीजन सक्शन प्वाइंट बनाने के लिए भी 155.84 लाख रुपये स्वीकृत हैं। यह सुविधा मिलने के बाद बेड पर ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सीधे पाइप से ऑक्सीजन मिल जाएगी। आखिर काम कब पूरा होगा? समय पूरा बजट आवंटित होगा या नहीं, इसे लेकर स्पष्ट नहीं है।

बेस में 15 साल बाद ली सुध, अभी काम अधूरा

बेस अस्पताल में भी 15 साल से खराब ऑक्सीजन प्लांट की सुध नहीं ली गई। इस प्रोजेक्ट के लिए अगस्त में 53 लाख रुपये का बजट पहुंचा था। हालांकि काम शुरू कराने के लिए 48 लाख रुपये ग्रामीण अभियंत्रण सेवा को आवंटित किए गए हैं। काम अभी आधा भी नहीं हुआ है। जबकि इस समय ऑक्सीजनयुक्त बेड की सबसे अधिक जरूरत है।

chat bot
आपका साथी