न कोई चाहता है और न "उनके" कहने से घोषित होगा सीएम चेहरा : नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष ने साफ कह दिया कि न कोई यह चाहता है और न उनके (हरदा) कहने से घोषित होगा। सब कुछ कांग्रेस की परंपरागत व्यवस्था के हिसाब से होगा। बहुमत आने के बाद जिसके प्रति सभी की सहमति होगी उसे घोषित किया जाता है।
गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी। कांग्रेस अब फिर से सत्ता के खिलाफ सड़क पर उतरने लगी है। प्रभारी संग प्रदेश के क्षत्रपों ने 2022 के चुनावों को लेकर हाल में दिल्ली में बैठक भी की। जिसमें सियासी रणनीति और विधानसभा तैयारियों को लेकर बात हुई। जहां पूर्व सीएम व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत जहां लगातार चेहरे के दम पर रण में उतरने की पैरवी कर रहे हैं। वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने साफ कह दिया कि न कोई यह चाहता है और न उनके (हरदा) कहने से घोषित होगा। सब कुछ कांग्रेस की परंपरागत व्यवस्था के हिसाब से होगा। बहुमत आने के बाद जिसके प्रति सभी की सहमति होगी उसे घोषित किया जाता है। इंदिरा ने आगे यह भी कहा कि रावत जी कांग्रेस के नियमों से बाहर थोड़े जा सकते हैं। जो आदेश होगा उसे मानना पड़ेगा।
त्रिवेंद्र रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए भी हरदा इस बात पर अडिग थे कि कांग्रेस आगामी चुनाव में चेहरे को लेकर आक्रामक रणनीति के साथ उतरे। हालांकि, तब प्रदेश ने सामूहिक नेतृत्व पर चुनाव लडऩे का बयान दिया था। वहीं, सूत्रों की माने तो दिल्ली में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव संग हुई बैठक भी यह मामला उठा। वहीं, शुक्रवार को डिग्री कॉलेज के पास स्थित पेट्रोल पंप पर केंद्र सरकार के खिलाफ आयोजित प्रदर्शन में शामिल हुई नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश ने मीडिया से बातचीत के दौरान हरीश रावत को चुनाव संचालन समिति की कमान सौंपने के सवाल पर कहा कि हरीश रावत उत्तराखंड के नेता है। कांग्रेस उन्हें जो कमान चाहे सौंप दे किसी को क्या आपत्ति है। हालांकि, चेहरा घोषित करने और पार्टी के अंदर इसे लेकर मतभेद के सवाल पर इंदिरा ने कहा कि न कोई चाहता है और न उनके कहने पर घोषित होगा। अब मैं कुछ चाह लू तो मेरे चाहने से न हो तो, चाहने से कुछ नहीं होता।
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