Salt by Election : कभी यहां का विधायक सीएम बना था, अब मंत्री का पद भी नहीं मिलता
Salt by Election सल्ट उप चुनाव में महेश जीना के पक्ष में भाजपा के सभी दिग्गज प्रचार में जुटे हैं। वहीं गंगा पंचोली के प्रचार की कमान कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के साथ हरदा के करीबियों ने संभाली है।
गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : Salt by Election : समय के साथ सल्ट उप चुनाव का सियासी संग्राम भी रोमांचक होता जा रहा है। महेश जीना के पक्ष में भाजपा के सभी दिग्गज प्रचार में जुटे हैं। वहीं, गंगा पंचोली के प्रचार की कमान कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के साथ हरदा के करीबियों ने संभाली है। सल्ट विधानसभा के इतिहास पर नजर डालें तो यह संयुक्त प्रांत में मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र हुआ करता था। राज्य गठन के बाद से अब तक चार बार यहां विधायक चुने गए हैं। मगर किसी को मंत्री पद नसीब नहीं हुआ। यही वजह है कि सल्ट विकास के मामले में पिछड़ता गया।
1960 में सल्ट विधानसभा रानीखेत दक्षिणी सीट का हिस्सा हुआ करता था। तब कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह अधिकारी इस क्षेत्र के विधायक हुआ करते थे। लेकिन उन्होंने चंद्रभानु गुप्ता के लिए सीट छोड़ी और जीत के बाद गुप्ता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए। राज्य गठन के बाद 2002 व 2007 में यह सीट कांग्रेस की झोली में आई। फिर 2012 व 17 में भाजपा ने बाजी मार ली। लेकिन कभी सीएम का क्षेत्र रहे सल्ट को मंत्री तक नहीं नसीब हो सका। हालांकि, हरीश रावत सरकार के समय पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने सलाहकार के तौर पर अपना दबदबा जरूर कायम किया था। फिलहाल भाजपा व कांग्रेस के प्रचारक अपने प्रत्याशी की जीत के लिए घर-घर घूम रहे हैं।
दस बार जेल गए थे चंद्रभानु
उत्तर प्रदेश के तीसरे मुख्यमंत्री रहे चंद्रभानु गुप्ता उस दौर में कांग्रेस के बड़े चेहरे थे। 17 वर्ष की उम्र से उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करना शुरू कर दिया था। इस कारण वह दस बार जेल भी गए। 1967 में वह दोबारा मुख्यमंत्री बने। मगर इस जिम्मेदारी को सिर्फ 19 दिन तक निभा सके। सियासत में उनसे जुड़े कई किस्से हैं।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें