गुलदार के आतंक से पिथौरागढ़ में शाम छह से सुबह छह बजे तक नाइट कर्फ्यू

बुधवार से ही शाम छह बजे से प्रातः छह बजे तक नाईट कर्फ्यू रहेगा। कोतवाल उप प्रभागीय वनाधिकारी जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी पिथौरागढ़ को निर्देश दिए हैं कि वह समय-समय पर क्षेत्र में प्रचार प्रसार कर आम जनमानस को सूचित करना सुनिश्चित करेगें।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 07:19 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 09:36 PM (IST)
गुलदार के आतंक से पिथौरागढ़ में शाम छह से सुबह छह बजे तक नाइट कर्फ्यू
रविवार को ही गुलदार बजेटी गांव से सात साल की मानसी को घर के भीतर से उठाकर ले गया था।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : गुलदार के बढ़ते हमलों को देखते हुए पिथौरागढ़ जिले में नाईट कर्फ्यू लगा दिया गया है। उप जिला मजिस्ट्रेट पिथौरागढ़ नन्दन कुमार ने बताया कि पिथौरागढ़ मुख्यालय अन्तर्गत बजेटी, पौण, पपदेव, जीआइसी रोड, चण्डाक एवं रई क्षेत्र में  गुलदार के बढ़ते आतंक के मद्देनजर यह कर्फ्यू लगाया जा रहा है। इसके तहत बुधवार से ही शाम छह बजे से प्रातः छह बजे तक नाईट कर्फ्यू रहेगा। कोतवाल, उप प्रभागीय वनाधिकारी, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी पिथौरागढ़ को निर्देश दिए हैं कि वह समय-समय पर क्षेत्र में प्रचार प्रसार कर आम जनमानस को सूचित करना सुनिश्चित करेगें। उन्होंने कहा कि आदेश का अनुपालन न करने वालों पर कर्फ्यू नियमों के उल्लंघन की कार्रवाई की जाएगी।

रविवार को ही गुलदार बजेटी गांव से सात साल की मानसी को घर के भीतर से उठाकर ले गया था। अगले दिन घर के समीप ही उसका आधा खाया हुआ शव मिला था। हालांकि एक दिन बाद एक गुलदार को वन विभाग ने पिंजरे में कैद कर लिया था। उसके ही आदमखोर होने की पुष्टि नही हो सकी थी। इधर, पौण गांव के आसपास ग्रामीणों को गुलदार का जोड़ा दिखाई दे रहा है। इसके चलते पूरे इलाके में लोगों में दहशत बनी हुई है।

बाहर निकलना हो गया मुश्किल

पर्वतीय क्षेत्रों में घास कटाई का काम शुरू  हो गया है। एक माह तक चलने वाले इस सीजन के दौरान ग्रामीण घास काटकर जानवरों के लिए चारा एकत्र करते हैं, लेकिन जिला मुख्यालय के आस-पास के क्षेत्रों में गुलदार की सक्रियता के चलते ग्रामीण घास नहीं काट पा रहे हैं। वन क्षेत्राधिकारी दिनेश जोशी ने बताया कि सूखी घास गुलदार के छुपने के लिए बेहद मुफीद है। गुलदार का रंग और घास का रंग एक जैसा होने के चलते अक्सर घात लगाकर बैठा गुलदार दिखाई नहीं देता और घास काटने के लिए आने वाली महिलाओं को अपना शिकार बना लेता है। उन्होंने ग्रामीणों से घास कटाई के कार्य को कुछ दिन स्थगित करने का अनुरोध किया है।

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