नाईट कफ्र्यू ने नैनीताल का पर्यटन कारोबार को फीका किया, कई होटलों में बुकिंग रद
कोरोना की दूसरी लहर के बाद दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश के शहरों में लगे नाइट कर्फ्यू ने नैनीताल के पर्यटन सीजन को फीका कर दिया है। अप्रैल में पैक रहने वाले होटलों में अधिकांश कमरे खाली हैं। पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा पसरा है।
नैनीताल, जागरण संवाददता : कोरोना की दूसरी लहर के बाद दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश के शहरों में लगे नाइट कर्फ्यू ने नैनीताल के पर्यटन सीजन को फीका कर दिया है। अप्रैल में पैक रहने वाले होटलों में अधिकांश कमरे खाली हैं। पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा पसरा है। पर्यटकों को लुभाने के लिए होटल-गेस्ट हाउस संचालकों ने कमरों का किराया 50 फीसद तक घटा दिया है, फिर भी उन्हें बुकिंग नहीं मिल रही है।
बड़े होटलों में बुकिंग ही रद हो गई है। शुक्रवार को वीकेंड पर बस स्टेशन से लेकर बाजारों में तक सन्नाटा पसरा रहा। नैनी झील में चंद नौकाएं नजर आईं, जबकि पर्यटनस्थल पर्यटकों की राह तकते प्रतीत हुए। टैक्सी चालक हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे तो फोटोग्राफर व घोड़ाचालक पर्यटकों का इंतजार करते नजर आए। पंतपार्क व भोटिया बाजार भी सूनसान रहे।
पर्यटन पर आश्रित नैनीताल में सैलानियों का आना बंद होगा तो आर्थिक हालात बिगड़ जाएंगे। इसमें दोराय नहीं कि कोरोना से सुरक्षा जरूरी है, लेकिन सरकार को दोनों परिस्थितियों को देखते हुए संतुलित स्थिति बनानी होगी, जिससे कारोबार चलता रहा। जल्द ही होटल एसोसिएशन बैठक कर ठोस निर्णय लेगा।
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र साह ने बताया कि टैक्सी संचालक शानू साह का कहना है कि पर्यटकों की आमद घटने से टैक्सी संचालकों के सामने बैंकों की किश्त जमा करनी मुश्किल हो गई है। लॉकडाउन के बाद से ही टैक्सी संचालक मुश्किल में हैं। इस बार सीजन से उम्मीद थी, मगर कोरोना ने फिर हालात विकट कर दिए।
पम्मी, टूर एंड ट्रेवल्स एजेंसी संचालक के हारून खान ने कहा कि लॉकडाउन के बाद से टूर एंड ट्रेवल्स कारोबार अब तक पटरी पर नहीं आया है। इस बार सीजन से उम्मीद थी, मगर कोविड-19 से फिर से कारोबार चौपट होने को है। सरकार को समझना होगा कि पर्यटन चौपट होगा तो यह किसी के हित मेें नहीं है।
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