चम्पावत में दूसरे दिन भी एनएच बंद, यात्रियों ने हाईवे पर गुजारी रात
एनएच बंद होने से निजी वाहनों में यात्रा कर रहे दर्जनों यात्रियों को सड़क पर ही वाहनों में रात गुजारनी पड़ी। जबकि रोडवेज बसों में फंसे यात्रियों को सामाजिक संगठनों के सहयोग से पुलिस और प्रशासन रात में ही चम्पावत लाकर रहने खाने की व्यवस्था की।
जागरण संवाददाता, चम्पावत : जिले में चार दिन से लगातार हो रही बारिश आफत लेकर आई है। एनएच और ग्रामीण सड़कें बंद होने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई आवासीय मकानों के आंगन व सुरक्षा दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। एनएच बंद होने से निजी वाहनों में यात्रा कर रहे दर्जनों यात्रियों को सड़क पर ही वाहनों में रात गुजारनी पड़ी। जबकि रोडवेज बसों में फंसे यात्रियों को सामाजिक संगठनों के सहयोग से पुलिस और प्रशासन रात में ही चम्पावत लाकर रहने खाने की व्यवस्था की। अभी भी सड़क पर फंसे कई यात्री सड़क खुलने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि अब टनकपुर के ककरालीगेट और चम्पावत से वाहनों को आगे नहीं जाने दिया जा रहा है।
मंगलवार को बंद टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे बुधवार को भी नहीं खुल पाया। मंगलवार रात बस स्टेशन चम्पावत एवं सड़क पर फंसे 300 से अधिक यात्रियों को व्यापार मंडल अध्यक्ष विजय चौधरी की पहल पर व्यापार मंडल ने भोजन कराया व प्रशासन ने उनके रहने की व्यवस्था की। अधिकांश को नगर पालिका के रैन बसेरे व बारात घर में ठहराया गया। जबकि निजी वाहनों में फंसे 24 से अधिक यात्रियों को वाहनों में बैठकर ही रात गुजारनी पड़ी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप एवं देवभूमि पलायन एवं बेरोजगारी उन्मूलन समिति के दो अन्य सदस्य भी देर रात तक स्वाला के पास फंसे रहे। बुधवार सुबह प्रशासन ने रात भर फंसे यात्रियों को रेसक्यू कर चम्पावत भेज दिया है। इधर पूर्णागिरि मार्ग पर हनुमान चट्टी के पास गिरी चट्टान को तीसरे दिन भी नहीं हटाया जा सका है। पूर्णागिरि के भैरव मंदिर के पास श्रद्धालुओं के 15 वाहन तीन दिन से फंसे हुए हैं। टनकपुर और बनबसा में शारदा नदी का जल स्तर बढऩे से आस-पास रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। टनकपुर और बनबसा में जल भराव के कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इधर बंद पड़े एनएच को खोलने का काम लगातार जारी है। जिले की 18 ग्रामीण सड़कें भी मलबा आने से बंद हैं। कई गांवों में विद्युत और संचार व्यवस्था चरमरा गई है। देर सायं तक बारिश का सिलसिला जारी रहा।
आपदा में इंसानियत ने ढूंढा सेवा का अवसर
एनएच बंद होने से मंगलवार की रात चम्पावत समेत विभिन्न स्थानों पर फंसे सैकड़ों यात्रियों की मदद के लिए दर्जनों हाथ एक साथ खड़े हो गए। शाम होते-होते फंसे यात्रियों की मदद के लिए लोग एकजुट होने लगे और देखते ही देखते यात्रियों के ठहरने और खाने की व्यवस्था हो गई।
व्यापार मंडल चम्पावत के पदाधिकारियों ने रोडवेज बस अड्डे और स्टेशन में फंसे यात्रियों की भरपूर मदद की। उनके लिए चाय का प्रबंध करने के साथ रात में भोजन आदि की व्यवस्था की। सूचना के बाद तहसीलदार ज्योति नपच्याल भी व्यवस्था में जुट गई। नगर पालिका ने रैन बसेरा उपलब्ध कराकर महिलाओं एवं बच्चों का ठहराया। इस काम में व्यापार संघ अध्यक्ष विजय चौधरी, सचिव नवल जोशी, कोषाध्यक्ष केदार जोशी, पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रकाश तिवारी, राजू बोहरा, विद्याधर जोशी, सभासद रोहित बिष्ट, सुरेंद्र सौन, नीरज वर्मा, यशवंत बोहरा, गौरव पांडेय, ललित देउपा, शंकर जोशी, बल्लू भंडारी देर रात तक जुटे रहे।
इधर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संगठन के जिला सचिव एवं पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजू गड़कोटी भी अपने सहयोगियों के साथ धौन व स्वाला पहुंच गए और उन्होंने यात्रियों के लिए चाय बिस्कुट की व्यवस्था की। उन्होंने चल्थी चौकी प्रभारी हेमंत कठैत के माध्यम से वहां लाइट की व्यवस्था कराई। बुधवार की सुबह फिर मदद के हाथ बढ़े और राजू गड़कोटी के साथ ग्राम प्रधान ललित भट्ट, क्षेत्र पंचायत सदस्य रमेश भट्ट, सामाजिक कार्यकर्ता विनोद भट्ट घनश्याम भट्ट, टीकाराम भट्ट, राज्य आंदोलनकारी अनिल जोशी, अवतार सिंह बिष्ट, नरेश भट्ट ने तीन किलोमीटर तक फंसे 400 यात्रियों को जूस, बिस्कुट और नमकीन उपलब्ध कराई। यात्रियों ने इस मदद के लिए लोगों का आभार जताया।