cybercrime का नया तरीका, खाता बंद होने का मैसेज भेज रहे ठग, लिंक ना करें, वरना पछताएंगे

हर बैंक के खाताधारक को सावधान होने की जरूरत है। केवाइसी अपडेट करने का मैसेज आने पर दिए गए लिंक को बिल्कुल भी क्लिक न करें।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 01:14 PM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 04:56 PM (IST)
cybercrime का नया तरीका, खाता बंद होने का मैसेज भेज रहे ठग, लिंक ना करें, वरना पछताएंगे
cybercrime का नया तरीका, खाता बंद होने का मैसेज भेज रहे ठग, लिंक ना करें, वरना पछताएंगे

हल्द्वानी, जेएनएन : हर बैंक के खाताधारक को सावधान होने की जरूरत है। केवाइसी अपडेट करने का मैसेज आने पर दिए गए लिंक को बिल्कुल भी क्लिक न करें। लिंक ओपन करने पर खाते से जुड़ी सभी जानकारी साइबर ठगों के पास पहुंच जाएगी। फिर एक झटके में खाते में मौजूद रकम उडऩे की पूरी आशंका है। वहीं, बैंक अधिकारियों का कहना है कि इन फ्रॉड मैसेज पर विश्वास करने के बजाय सीधा नजदीकी शाखा से ही जानकारी जुटाएं।

इंटरनेट के इस दौर में साइबर अपराधियों ने भी लोगों को फंसाने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं। इन दिनों लोगों को मैसेज भेजकर कहा जा रहा है कि उनका खाता व कार्ड इसलिए सस्पेंड किया गया है क्योंकि केवाइसी पूरी तरह से नहीं भरा गया। मैसेज में दिए गए लिंक को तुरंत ओपन कर डिटेल मांगी जा रही है। बैंक अफसरों का कहना है कि इस तरह का कोई भी मैसेज आने पर रिप्लाई के बजाय डिलीट करना बेहतर है।

ठगी के नए तरीके

1-शॉपिंग एप पर फर्जी गिरोह

ऑनलाइन शॉपिंग एप पर पुरानी बाइक व कार को सस्ते में बेचने के नाम पर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। खुद को फौजी बता लोगों का विश्वास जीता जा रहा है। उसके बाद खाते में रकम डलवाई जाती है। ठग बकायदा फर्जी आइडी वॉट्सएप पर भेज रहे हैं।

2-नंबर सलेक्ट होने के नाम पर ठगी

कोतवाली पुलिस के पास बीच में कुछ ऐसे मामले भी आए थे, जिसमें पीडि़तों ने बताया कि उन्हें फोन पर नंबर सलेक्ट होने व लाखों का इनाम निकलने की बात पता चली। रजिस्टे्रशन शुल्क के नाम पर ठगों ने अपने अकाउंट में पैसे डलवाए और फिर कॉलिंग करने वाला नंबर ही बंद कर दिया।

3-दीपावली पर रहे खास सतर्क

त्योहारी सीजन होने के कारण ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज भी बढ़ जाता है। पिछले साल दीपावली के समय ही सस्ते फोन के चक्कर में हल्द्वानी में दस से अधिक लोगों के पैसे डूबे थे। पोस्ट ऑफिस से पार्सल मिलने की बात कही गई थी। जबकि पार्सल खोलने पर फोन की बजाय मूर्ति, रुई निकली।

यह फिशिंग अटैक है

विकास सिंह बिष्ट, एक्सपर्ट इंडियन साइबर डिफेंस एलायंस ने बताया कि फर्जी केवाइसी पेज बनाकर ग्राहकों से उसमें अपडेट मांगा जाता है। डिटेल भरते ही डाटा ठगों के पास पहुंच जाता है। इसे फिसिंग अटैक कहते हैं। अब कॉलिंग की बजाय मैसेज ट्रेंड चल रहा हैै। मैसेज हूबहु बैंक की तरह होते हैं।

बैंक कभी कोई लिंक नहीं भेजता

पराग जैन, चीफ मैनेजर, पीएनबी हल्द्वानी ने बताया कि बैंक कभी कोई लिंक नहीं भेजता। बस मैसेज देकर सूचित करता है कि खाते से जुड़े दस्तावेज जमा करवाएं। इसके लिए लोगों को अपनी नजदीकी शाखा में जाना चाहिए। ऐसे किसी भी लिंक को ओपन कर ठगों का शिकार बन सकते हैं। लिहाजा, इन्हें नजरअंदाज करें।

बढ़े हैं साइबर ठगी के मामले में

विक्रम सिंह राठौर, कोतवाल हल्द्वानी का कहना है कि साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। खाते से जुड़ी कोई गोपनीय जानकारी या कोड अंजान से शेयर न करें। किसी भी तरह की जानकारी लेने के लिए बैंक ही पहुंचे।

ठगी के मामले राजपुरा निवासी युवक ने लिंक ओपन किया तो कुछ देर बाद खाते से पांच हजार रुपये उड़ गए। रामपुर रोड निवासी युवक ने ओएलएक्स पर सस्ती बुलेट पाने के चक्कर में 35 हजार गंवाए। काठगोदाम निवासी युवक ने सस्ती स्कॉर्पियों पाने के लालच में बीस हजार रुपये ठगों के खाते में जमा कर दिए। आवास विकास निवासी युवक ने सस्ता मोबाइल मिलने के लालच में अनजान खाते में आठ हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। जबकि पार्सल में मूर्ति निकली। मोतीनगर निवासी युवती ने केवाइसी फार्म मामले में मैसेज में आए लिंक को ओपन किया तो चार हजार रुपये उड़ गए।

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