नए शासनादेश से आउटसोर्स कंपनियों की कमाई पर लगेगा नियंत्रण, भ्रष्‍टाचार पर भी होगा अंकुश

सरकार के विभागों में निजी आउटसोर्स कंपनियों की ओर से कार्मिकों की सप्लाई पर रोक और सिर्फ उपनल से सप्लाई के नए शासनादेश ने निजी कंपनियों में खलबली मचा दी है। कुमाऊँ में 50 के करीब निजी कंपनियां विभागों में कार्मिकों की सप्लाई करने के साथ मुनाफा कमाती हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 08:35 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 08:35 AM (IST)
नए शासनादेश से आउटसोर्स कंपनियों की कमाई पर लगेगा नियंत्रण, भ्रष्‍टाचार पर भी होगा अंकुश
नए शासनादेश से आउटसोर्स कंपनियों की कमाई पर लगेगा नियंत्रण, भ्रष्‍टाचार पर भी होगा अंकुश

नैनीताल, जागरण संवाददाता : सरकार के विभागों में निजी आउटसोर्स कंपनियों की ओर से कार्मिकों की सप्लाई पर रोक और सिर्फ उपनल के माध्यम से सप्लाई के नए शासनादेश ने निजी कंपनियों में खलबली मचा दी है। कुमाऊँ में ही 50 के करीब निजी कंपनियां अलग अलग विभागों में कार्मिकों की सप्लाई करने के साथ मुनाफा कमाती हैं। निजी फायदा होने की अघोषित शर्त पर ही अधिकारियों द्वारा एजेंसियों का चयन किया जाता है। अब नए जीओ से सरकारी भ्रष्‍टाचार पर रोक लगने की उम्मीद है।

पिछले एक दशक से राज्य में वित्तीय दिक्कतों के साथ ही तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के बजाय आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से नियुक्तियां हो रही हैं। सरकारी अधिकारियों का मानना था कि आये दिन कर्मचारी संगठनों के आंदोलन व कार्य बहिष्कार से निपटने के लिए वैकल्पिक तौर पर नियुक्त कार्मिकों का होना जरूरी है। हड़ताल व आन्दोलन अवधि में अस्थाई कर्मचारी ही कामकाज निपटाते हैं मगर हालिया सालों में विभागाध्यक्ष व कार्यालयाध्यक्षों ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह लागू कर दिया। 

जल संस्थान, ऊर्जा निगम समेत अन्य विभागों व संस्थानों में आउटसोर्सिंग से नियुक्तियों का सिलसिला चल पड़ा औऱ हजारों बेरोजगार नियुक्ति पा गए मगर उन्हें न्यूनतम वेतनमान नहीं दिया गया। अन्य तरह के शोषण के मामले भी सामने आने लगे। सूत्रों के अनुसार आउटसोर्स एजेंसियों के संचालक त्यौहार व पर्व के बहाने अधिकारियों को खुश करने के लिए रकम खर्च करते हैं। अब सरकार ने निजी एजेंसियों के बजाय सरकार की एजेंसी उपनल के माध्यम से ही सेवाओं को आउटसोर्स करने का फैसला लिया है । १४ जनवरी को मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर इस संबंध में बकायदा शासनादेश जारी किया गया है। समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव, गढ़वाल व कुमाऊं मंडलायुक्त तथा सभी जिलाधिकारी को साफ निर्देश दिए हैं कि निजी आउटसोर्स एजेंसियों से कार्मिकों को प्रायोजित ना किया जाय।

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