हो जाएं सतर्क: बीपी व शुगर में लापरवाही खराब कर देगी किडनी

समय पर बीपी और शुगर के सामान्य लक्षण दिखते ही इलाज कराएं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।

By Edited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 07:30 PM (IST) Updated:Sat, 29 Sep 2018 08:24 AM (IST)
हो जाएं सतर्क: बीपी व शुगर में लापरवाही खराब कर देगी किडनी
हो जाएं सतर्क: बीपी व शुगर में लापरवाही खराब कर देगी किडनी

हल्द्वानी, नैनीताल [जेएनएन]: अक्सर लोग ब्लड प्रेशर व शुगर के मरीज होने के बावजूद ठीक से इलाज नहीं कराते। जब तक ठीक महसूस करते हैं, चलते रहते हैं। जब दिक्कत बढ़ जाती है तो इलाज के लिए इधर-उधर भटकने लगते हैं, लेकिन फिर बहुत देर हो चुकी होती है।

नौबत किडनी फेल्योर तक पहुंच जाती है। ऐसी नौबत ही न आने दें। समय पर बीपी व शुगर के सामान्य लक्षण दिखते ही इलाज कराएं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। यह सलाह रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर में शहर के वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. एचएस भंडारी ने दी। उन्होंने कुमाऊं भर से फोन कर रहे सुधी पाठकों को किडनी से संबंधित बीमारी के बारे में उचित परामर्श भी दिया।

बीमारी के ये हैं कारण 

अनियंत्रित बीपी व शुगर दर्द निवारक गोलियों का सेवन करना मोटापा व धूमपान का सेवन स्लिम टी व प्रोटीन का अत्यधिक सेवन  पथरी का समय पर इलाज न करना 

 बीमारी के जानें लक्षण 

खून की कमी बीपी का ज्यादा बढ़ना हड्डियों में तेज दर्द  पेशाब में खून आना पेशाब में जरूरत से ज्यादा झाग 

बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय  स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं ताजे फल व सब्जियों का सेवन करें धूमपान व शराब से बचें  नियमित कसरत करें मोटापा कम करें खुद से दर्द निवारक दवा न लें शुगर-बीपी नियंत्रित रखें 

दो तरीके से होता है उपचार 

डॉ. भंडारी कहते हैं कि किडनी फेल्योर होने के दो कारण एक्यूट व क्रॉनिक हैं। एक्यूट स्थिति में कई बार किडनी की बीमारियों को दवा से भी ठीक कर सकते हैं। इसमें बीमारी का कारण संक्रमण और ऑपरेशन के बाद दर्द निवारक का अधिक सेवन व जेनेटिक भी हो सकते हैं। क्रॉनिक स्थिति में किडनी फेल्योर का 30 फीसद कारण अनियंत्रित शुगर व बीपी है। ऐसे में गुर्दा बदलना या फिर जीवन भर डायलिसिस करने करनी आवश्यकता पड़ती है।

समय रहते रहें अलर्ट 

डॉ. भंडारी कहते हैं, 30 साल के बाद प्रतिवर्ष कम से कम एक बार जांच करा लेनी चाहिए। किडनी फंक्शन टेस्ट के अलावा यूरीज जांच व अल्ट्रासाउंड भी किया जा सकता है।

चायनीज हर्बल टी से बचें 

कई बार मोटापा कम करने के लिए लोग तमाम तरह के चायनीज हर्बल टी आदि का सेवन करते हैं। इसमें एस्ट्रिोलॉपिक एसिड होता है। यह एक तरह का केमिकल है, जो किडनी को खराब कर देता है। 

इन्होंने किया फोन 

हरीश बिष्ट गरुण, लीला तिवारी रानीखेत, बलवंत सिंह मेहता बागेश्वर, एचडी पाठक डहरिया, एमवी सिंह चौखुटिया, धीरज सिंह धारचूला, भाष्कर दत्त कापड़ी पिथौरागढ़, वेद प्रकाश भारद्वाज जसपुर, लता कांडपाल चौखुटिया, मिसेज चड्ढा हल्द्वानी, मोहन गिरी चम्पावत, जेएन यादव हल्द्वानी, नवीन शर्मा हरिपुर नायक हल्द्वानी, प्रेमा भीमताल, बाबू लाल हल्द्वानी, सूरज सिंह डीडीहाट, गोविंद सिंह अल्मोड़ा, पवन राज रुद्रपुर आदि लोगों ने फोन कर परामर्श लिया।

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