एमडीआर टीबी की जांच के लिए हल्‍द्वानी मेडिकल कॉलेज में बनेगी करीब डेढ़ करोड़ की लैब nainital news

कुमाऊं के टीबी मरीजों की जांच के लिए अब सैंपल देहरादून भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए केंद्र सरकार की मदद से मेडिकल कॉलेज में डेढ़ करोड़ की लागत से लैब बनाई जा रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 23 Jan 2020 11:25 AM (IST) Updated:Fri, 24 Jan 2020 08:03 PM (IST)
एमडीआर टीबी की जांच के लिए हल्‍द्वानी मेडिकल कॉलेज में बनेगी करीब डेढ़ करोड़ की लैब nainital news
एमडीआर टीबी की जांच के लिए हल्‍द्वानी मेडिकल कॉलेज में बनेगी करीब डेढ़ करोड़ की लैब nainital news

हल्द्वानी, गणेश जोशी : कुमाऊं के टीबी मरीजों की जांच के लिए अब सैंपल देहरादून भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए केंद्र सरकार की मदद से राजकीय मेडिकल कॉलेज में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से लैब बनाई जा रही है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार हो चुका है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत इसका संचालन होगा। राज्य टीबी ऑफिसर (एसटीओ) डॉ. डीएस काला की ओर से स्थान के लिए प्रस्ताव मांगा गया था। इसके तहत राजकीय मेडिकल कॉलेज में दो से तीन हजार स्क्वायर फीट जगह तय कर दी गई है। प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा की अनुमति भी मिल गई है। इसके बनने से कुमाऊं के अलावा राज्य सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के कई जिलों के मरीजों को भी लाभ होगा।

कुमाऊं में 100 से अधिक मरीज

कुमाऊं में एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) के 100 से अधिक मरीज हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश से भी मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। नैनीताल जिले में 46 मरीज हैं। इस बीमारी के इलाज में 27 महीने का समय लगता है।

देहरादून से रिपोर्ट आने में लगते हैं तीन महीने

कुमाऊं में अभी तक आइआरएल नहीं है। सैंपल देहरादून स्थित लैब भेजे जाते हैं, जिसकी रिपोर्ट आने में तीन महीने का समय लग जाता है। इसके चलते मरीजों को दिक्कत होने लगती है।

एसटीओ व सीएमओ के निर्देश पर भेजा प्रस्ताव

डॉ. आरके जोशी, जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि एसटीओ व सीएमओ के निर्देश पर प्रस्ताव भेज दिया गया है। मेडिकल कॉलेज में जगह तय की गई है। आइआरएल के बन जाने से कुमाऊं भर के टीबी मरीजों की जांच में सुविधा हो जाएगी।

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