रामगढ़ में दो श्रमिकों का नहीं लगा पता, सात शव पहले हो चुक हैं बरामद, आज फिर चलेगा रेस्क्यू आपरेशन
रामगढ़ ब्लॉक के सकुना गांव में आपदा की जद में आए दो श्रमिकों का अब तक पता नहीं चल सका है हादसे में सात आरोपितों के शव पहले ही बरामद हो चुके हैं। शनिवार को भी एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था।
संवाद सूत्र, भवाली : रामगढ़ ब्लॉक के सकुना गांव में आपदा की जद में आए दो श्रमिकों का अब तक पता नहीं चल सका है, हादसे में सात आरोपितों के शव पहले ही बरामद हो चुके हैं। शनिवार को एनडीआरएफ की टीम ने श्रमिकों को ढूंढने की कर संभव कोशिश की लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन में सफलता नहीं मिल सकी। एनडीआरएफ व एसडीएआरएफ की टीम आज पुन: श्रमिकों को ढूढने के लिए रेस्क्यू अभियान लाएगी।
सकुना गांव में एनडीआरएफ की टीम का रेस्क्यू अभियान शनिवार को चौथे दिन भी निरंतर जारी रहा । चौथे दिन टीम ने देर शाम तक मलबे में दबे मजदूरों को ढूंढा लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं आई। ग्राम प्रधान सुरेश मेर ने बताया कि चौथे दिन टीम के सदस्यों ने शवों की खोजने में पूरा दमखम झोंक दिया। अब रविवार को पुन: रेस्क्यू अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने कुछ राहत पैकेट भिजवाए थे। जिन्हें आपदा प्रभावित ग्रामीणों में बाट दिया गया है। बता दें कि आपदा के दौरान रामगढ़ ब्लॉक के सकुना में नौ श्रमिक मलबे में दब गए थे। जिनमें से सात श्रमिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि अभी तक दो श्रमिकों का कुछ पता नहीं चल रहा है।
165 एसडीआरएफ कर्मी बने देवदूत
कुमाऊं में एसडीआरएफ के 165 कर्मी देवदूत बनकर सामने आए। 18 अक्टूबर को रुद्रपुर में जलभराव होने पर 95 लोगों को रेस्क्यू किया गया। 19 को एमनिटी स्कूल में फंसे 49 बच्चों को सुरक्षित निकाला गया। 21 अक्टूबर को कफनी ग्लेशियर में फंसे 19 लोगों व 600 बकरियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। पूरे कुमाऊं में सैंकड़ों लोगों को रेस्क्यू किया। यह सिलसिला जारी है। मृतकों के शव निकालकर स्वजनों को सौंपे गए।
जायजा लेने पहुंचे आइजी, सेनानायक
एसडीआरएफ टीम के बचाव कार्य व आपदा से हुई क्षति का जायजा लेने के लिए एसडीआरएफ के आइजी पुष्पक ज्योति, सेनानायक नवनीत सिंह व सहायक सेनानायक कमल सिंह पंवार भी पहुंचे। उन्होंने कुमाऊं प्रभारी से सभी पहलुओं की जानकारी ली और बताया कि जरूरत पड़ी तो देहरादून व हरिद्वार से एसडीआरएफ कर्मी भेजे जाएंगे।