नैनीताल को मिलेगी गंदगी से निजात, सीवरेज प्रोजेक्ट के लिए एडीबी देगा एक अरब रुपये

नैनीताल में सीवर लाइन दशकों पुरानी हो चुकी है। आधे हिस्से की 70 के दशक तो आधी 1985 के आसपास की है। पुरानी लाइन होने के कारण रोज एक दर्जन के करीब की सीवर चोक होने या फटने की शिकायत आती रहती हैं। बारिश में ओवरफ्लो होना आम बात है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 09:08 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 09:08 AM (IST)
नैनीताल को मिलेगी गंदगी से निजात, सीवरेज प्रोजेक्ट के लिए एडीबी देगा एक अरब रुपये
होटल कारोबारियों को निजी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को बाध्यता भी समाप्त हो जाएगी।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : एशियन डेवलपमेंट बैंक से नैनीताल के लिए सौ करोड़ से अधिक के सीवरेज प्रोजेक्ट का रास्ता साफ होने से चुनाव से पहले सरकार से बड़ी सौगात मिली है। इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन से नैनीताल के 20 या 20 से से अधिक कमरे वाले होटल कारोबारियों को निजी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को बाध्यता भी समाप्त हो जाएगी। 

नैनीताल में सीवर लाइन दशकों पुरानी हो चुकी है। आधे हिस्से की 70 के दशक तो आधी 1985 के आसपास की है। पुरानी लाइन होने के कारण रोज एक दर्जन के करीब की सीवर चोक होने या फटने की शिकायत आती रहती हैं। बारिश में सीवर ओवरफ्लो होना आम बात है। सीवर से झील भी प्रदूषित होती है। तीन साल पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश पारित किया कि 20 या 20 से अधिक के कमरे या अपार्टमेंट वाले होटल, रिसोट्स को अपने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने होंगे। इस आदेश की वजह से होटल कारोबारी खासकर माल रोड के कारोबारी बेहद परेशान रहे हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने भी निकायों से पांच साल के भीतर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के आदेश पारित किए हैं। अब एडीबी से नैनीताल का प्रोजेक्ट मंजूर होने के बाद यह होटल व्यवसायियों की टेंशन खत्म हो गई है। जल संस्थान के सहायक अभियंता दलीप बिष्ट ने माना कि पुरानी सीवर लाइन के चेंबर खराब हो चुके हैं। मोहल्लों में भी सीवर के पाइप जर्जर हो चुके हैं।

देश का पहला अत्याधुनिक मेंटिनेंस व मैनेजमेंट सिस्टम बनेगा

एडीबी के इस प्रोजेक्ट के तहत नैनीताल में देश का पहला मेंटिनेंस व मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाएगा, जो ऑनलाइन संचालित होगा। शहर को चार हिस्सों में बांटकर यह काम करेगा। प्रोजेक्ट के तहत समीपवर्ती रूसी गांव में 27 एमएलडी का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होगा। इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन से हल्द्वानी में गौला नदी पर भी प्रदूषण कम होगा।

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