अपने छोड़ रहे साथ, अंजान करा रहे दाह संस्कार, रामनगर में पालिका की टीम ने उठाया बीड़ा
ईओ नगर पालिका भरत त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना संक्रमित शवों का उनकी टीम दाह संस्कार करा रही है। दो मामलों में उनके परिजनों ने दाह संस्कार की कोई कार्रवाई नहीं की। तब हमने संक्रमित शवों के दाह संस्कार कराने की जिम्मेदारी उठाई है।
जागरण संवाददाता, रामनगर : कोरोना संक्रमण से मौत हो जाने से जब अपने खून के रिश्ते साथ छोड़ रहे है, तब अंजान रिश्ते शवों का दाह संस्कार कराने का बीड़ा उठाकर सच्ची सेवा की मिसाल पेश कर रहे हैं। पालिका की टीम कोरोना के खतरे के डर को छोड़कर अब तक दो शवों का दाह संस्कार करा चुकी है।
कोरोना के खतरे ने रिश्तों में मानवीय संवेदना भी खत्म कर दी है। संक्रमण के डर से अपने ही लोग शवों के पास तक आने से परहेज कर रहे हैं। शव लावारिश पड़े होने से स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के हाथ पांव फूल रहे हैं। ऐसे में शवों के दाह संस्कार के लिए रामनगर में नगर पालिका की टीम संक्रमित शवों के दाह संस्कार के लिए आगे आई है। 25 नवंबर को रामनगर में नया गांव में एक व्यक्ति की हॉस्पिटल में कोरोना से मौत हो गई थी। बीते रविवार को एक बीमार व्यक्ति को हॉस्पिटल में भर्ती कराया। कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।
इन तीनों मामलों में ही परिजनों ने शवों के पास आने से मना कर दिया था। पालिका के ईओ भरत त्रिपाठी, सभासद शिवि अग्रवाल, सभासद भुवन डंगवाल, सभासद व एम्बुलेंस के चालक दीपक चन्द्र, पालिका कर्मी फरीद अपने पास से पैसे एकत्र कर दाह संस्कार के लिए लकड़ी खरीदी। शव को विश्राम घाट ले जाने के लिए सभासद दीपक एम्बुलेंस लेकर आए। सभी ने पीपीई किट पहनकर शवों का अंतिम संस्कार कराया।
ईओ नगर पालिका भरत त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना संक्रमित शवों का उनकी टीम दाह संस्कार करा रही है। दो मामलों में उनके परिजनों ने दाह संस्कार की कोई कार्रवाई नहीं की। तब हमने संक्रमित शवों के दाह संस्कार कराने की जिम्मेदारी उठाई है।
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