बोर्ड के संज्ञान में लिए बिना नगर निगम हल्‍द्वानी ने एक माह बढ़ा दी छूट की अवधि

नगर निगम ने भवन व स्वच्छता कर दुकान किराया व ट्रेड लाइसेंस नवीनीकरण में छूट की अवधि को एक माह के लिए बढ़ा दिया है। इस फैसले से व्यापारियों व टैक्सदाताओं को जरूर राहत मिलेगी लेकिन निगम की आय प्रभावित होगी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 08:05 AM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 08:05 AM (IST)
बोर्ड के संज्ञान में लिए बिना नगर निगम हल्‍द्वानी ने एक माह बढ़ा दी छूट की अवधि
बोर्ड के संज्ञान में लिए बिना नगर निगम हल्‍द्वानी ने एक माह बढ़ा दी छूट की अवधि

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : नगर निगम ने भवन व स्वच्छता कर, दुकान किराया व ट्रेड लाइसेंस नवीनीकरण में छूट की अवधि को एक माह के लिए बढ़ा दिया है। इस फैसले से व्यापारियों व टैक्सदाताओं को जरूर राहत मिलेगी, लेकिन निगम की आय प्रभावित होगी। बहरहाल, बोर्ड के संज्ञान में लाए बगैर किए गए फैसले का विरोध शुरू हो गया है। विपक्ष के साथ ही सत्तापक्ष के वरिष्ठ पार्षदों ने इस परंपरा को नियम विरूद्ध बताया है।

एडवांस दुकान किराया, भवन कर आदि जमा कराने पर निगम छूट प्रदान करता है। इसके लिए 30 जून की तिथि तय है। 19 जून को हुई बोर्ड बैठक में चार वर्षीय दुकान किराया वृद्धि को टालने के साथ ही एडवांस किराया व टैक्स देने पर छूट की समयसीमा 31 अगस्त कर दी गई। इस अवधि में निगम प्रशासन 40 से 50 प्रतिशत ही वसूली कर पाया है। अब छूट की सीमा 30 सितंबर कर दी है। जिस पर विवाद शुरू हो गया है।

निगम को 48 लाख का नुकसान

टैक्स छूट से पिछले साल निगम को 30 लाख रुपये की आर्थिक क्षति हुई। इस साल जुलाई तक की छूट के आधार पर 18 लाख रुपये की चपत लग चुकी है। तिथि आगे बढऩे के साथ यह रकम और बढ़ेगी।

वित्तीय वर्ष 2021-22 की वसूली (करोड़ रुपये में)

मद                       वार्षिक लक्ष्य         वसूली          प्रतिशत

भवन कर               1.88                    0.75           40 फीसद

स्वच्छता कर          1.88                    0.75           40 फीसद

दुकान किराया         1.51                    0.75          50 फीसद

(नोट: वसूली 31 अगस्त 2021 तक)

वित्तीय वर्ष 2020-21 की वसूली (करोड़ रुपये में)

मद                   वार्षिक लक्ष्य           वसूली        प्रतिशत

भवन कर          1.44                      1.20          83 फीसद

स्वच्छता कर     1.44                      1.20          83 फीसद

दुकान किराया     1.51                     1.05         70 फीसद

इस तरह के फैलने के लिए बोर्ड बनी हुई है। बोर्ड को विश्वास में लिए बगैर एक व्यक्ति नीतिगत फैसले लेने लगे तो बोर्ड का औचित्य ही क्या रह जाता है।

-नरेंद्रजीत सिंह रोडू, नेता प्रतिपक्ष

यह निगम के आय का मामला है। इस तरह के नीतिगत फैसले बोर्ड की बैठक के बिना नहीं लिए जा सकते। महापौर को यह प्रस्ताव बोर्ड में लाना चाहिए था।

-धीरेंद्र रावत, भाजपा पार्षद

व्यापारी संगठनों ने छूट बढ़ाने की मांग की थी। कोविड के कारण जनता टैक्स जमा नहीं करा पाई। व्यापक जनहित को देखते हुए छूट एक माह बढ़ाई गई है।

-गौरव भसीन, प्रभारी नगर आयुक्त

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