गौला में चलने वाले 80 फीसद से अधिक वाहनों का अभी तक नहीं हुआ सत्यापन

गौला में 80 प्रतिशत से अधिक वाहनों का अभी सत्यापन नहीं हुआ। वन निगम की तरफ से एक हजार वाहनों की लिस्ट परिवहन विभाग को भेजी गई है। जबकि शीशमहल से लेकर शांतिपुरी तक खनन के 13 निकासी गेटों पर साढ़े सात हजार वाहन पंजीकृत है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 10:15 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 10:15 AM (IST)
गौला में चलने वाले 80 फीसद से अधिक वाहनों का अभी तक नहीं हुआ सत्यापन
गौला में चलने वाले 80 फीसद से अधिक वाहनों का अभी तक नहीं हुआ सत्यापन

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : गौला में 80 प्रतिशत से अधिक वाहनों का अभी सत्यापन नहीं हुआ। वन निगम की तरफ से एक हजार वाहनों की लिस्ट परिवहन विभाग को भेजी गई है। जबकि शीशमहल से लेकर शांतिपुरी तक खनन के 13 निकासी गेटों पर साढ़े सात हजार वाहन पंजीकृत है। ऐसे में प्रशासन अगर गौला खोलने का आदेश भी जारी भी करें तो खनन सत्र की शुरूआत धीमी ही रहेगी। वन निगम का कहना है कि हर गेट पर उसके कर्मचारी गाड़ी मालिकों से आवेदन फार्म ले रहे हैं। लेकिन अभी वाहनस्वामी ही ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे।

गौला के अलग-अलग निकासी गेटों पर पंजीकृत वाहनों का रजिस्टे्रशन हर साल रिन्यूवल होता है। किसी तरह के भी फर्जीवाड़े की आशंका न रहे। इसलिए वन निगम आवेदन फार्म भरवाने के साथ गाड़ी के पूरे कागज भी मंगवाता है। इसके बाद इन्हें परिवहन विभाग को भेजा जाता है। आरटीओ से चेक किया जाता है कि वाहन का टैक्स, फिटनेस, बीमा आदि टूटा तो नहीं। अगर किसी भी कागज में कमी निकलती है तो परिवहन विभाग वन निगम को इसकी जानककारी देता है। वाहन से जुड़े सभी दस्तावेज दुरुस्त होने पर ही पंजीकरण का नवीनीकरण किया जाता है।

इस बार ज्यादा उपखनिज

खनन कारोबार से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर यह है कि इस बार पहाड़ में बारिश ज्यादा होने के कारण नदी में उपखनिज की मात्रा ज्यादा है। अभी पानी चल रहा है। वहीं, उपखनिज ज्यादा होने के कारण सर्वे टीम भी पैमाइश के बाद लक्ष्य ज्यादा निर्धारित करेगी। जिस वजह खनन कारोबार से जुड़े करीब एक लाख लोगों को फायदा होगा।

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