Sawan : 22 अगस्त तक रहेगा सावन का महीना, दूसरे सोमवार शिवालयों में उमड़ी शिवभक्‍तों की भीड़

Sawan भगवान शिव की आराधना का सावन रविवार से शुरू हो गया है। यह 22 अगस्त तक रहेगा। सावन में वर्षा ऋतु अपने चरम पर रहती है। आज सावन का दूसरा सोमवार है। शिवालयों में जलाभिषेक के लिए बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 08:39 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 08:39 AM (IST)
Sawan : 22 अगस्त तक रहेगा सावन का महीना, दूसरे सोमवार शिवालयों में उमड़ी शिवभक्‍तों की भीड़
Sawan : 22 अगस्त तक रहेगा सावन का महीना, दूसरे सोमवार शिवालयों में उमड़ी शिवभक्‍तों की भीड़

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Sawan : भगवान शिव की आराधना का सावन रविवार से शुरू हो गया है। यह 22 अगस्त तक रहेगा। सावन में वर्षा ऋतु अपने चरम पर रहती है। आज सावन का दूसरा सोमवार है। शिवालयों में जलाभिषेक के लिए बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। शिव पुराण में श्रावण का महत्व बताया गया है। इस महीने के स्वामी शिव हैं। सावन को भगवान शिव का प्रिय महीना माना गया है। सावन में की गई शिव पूजा से जाने-अनजाने हुए पाप खत्म हो जाते हैं। श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि हिंदू पंचांग में सभी महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित हैं। पूॢणमा को चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के पर रखा गया है। श्रावण नाम भी श्रवण नक्षत्र पर आधारित हैं। श्रवण नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा हैं।

स्कंदपुराण में मिलता पूजा का विधान

सावन में एकभुक्त व्रत करना चाहिए। यानी दिन में एक समय भोजन करना चाहिए। पानी में बिल्वपत्र या आंवला डालकर नहाना चाहिए। इससे जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं। स्कंदपुराण के अनुसार सावन में भगवान विष्णु का वास जल में होता है। इसलिए इस महीने में तीर्थ के जल से नहाने का बहुत महत्व है। चांदी के बर्तन में दूध, दही या पंचामृत का दान करें। तांबे के बर्तन में अन्न, फल आदि दान करना चाहिए।

भगवान शिव, विष्णु की पूजा का महत्व

ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र बेलवाल ने बताया कि सावन महीने के देवता शुक्र हैं। भगवान भोलेनाथ के साथ सावन में भगवान विष्णु के श्रीधर रूप की पूजा करन का विधान है। सावन में भगवान शिव, विष्णु व शुक्र की पूजा के साथ व्रत करने का महत्व बताया गया है। सावन में मांसाहार व नशे से दूर रहना चाहिए। ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए। सावन महीने में भगवान शिव के साथ विष्णु जी के अभिषेक का भी बहुत महत्व है। इससे दांपत्य सुख बढ़ता है।

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