Kumaon Weather Update : अभी मेहरबान रहेगा मानसून, अक्टूबर में होगी विदाई, 27 व 28 सितंबर को कई जगह हल्की से मध्यम बारिश के आसार
Kumaon Weather Update आमतौर पर उत्तराखंड से मानसून की विदाई 22 सितंबर से शुरू होती है और 30 सितंबर तक समूचे उत्तराखंड से यह विदा ले चुका होता है। डा. सिंह ने बताया कि इस बार पांच से छह अक्टूबर तक मानसून की विदाई के आसार नहीं लग रहे।
गणेश पांडे, हल्द्वानी : मानसून की विदाई अक्टूबर में होने की संभावना है। बारिश कराने वाले मानसूनी सिस्टम के बनने की वजह से ऐसी स्थिति बनी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पहला सिस्टम सक्रिय हो गया है। बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव के क्षेत्र का असर कुमाऊं समेत समूचे कुमाऊं पर रहने की संभावना है। इससे अगले तीन से चार दिन आंशिक बादल छाने के साथ कहीं तेज कहीं कम बारिश हो सकती है। 27 व 28 सितंबर को इसके अधिक मजबूत होने की संभावना है।
जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से कुमाऊं में बारिश के आसार बन रहे हैं। इसका असर मानसून की विदाई पर पड़ेगा। आमतौर पर उत्तराखंड से मानसून की विदाई 22 सितंबर से शुरू होती है और 30 सितंबर तक समूचे उत्तराखंड से यह विदा ले चुका होता है। डा. सिंह ने बताया कि इस बार पांच से छह अक्टूबर तक मानसून की विदाई के आसार नहीं लग रहे। इधर, शुक्रवार शाम हल्द्वानी में 20 मिनट तक झमाझम बारिश हुई। इससे कई इलाकों में जलभराव हुआ।
पिछले पांच वर्ष में उत्तराखंड में मानसून
वर्ष आगमन विदाई
2020 23 जून 30 सितंबर
2019 2 जुलाई 10 अक्टूबर
2018 27 जून 29 सितंबर
2017 1 जुलाई 11 अक्टूबर
2016 21 जून 8 अक्टूबर
उत्तराखंड में अब तक 1133 मिमी बारिश
पिछले पांच वर्षों में उत्तराखंड में लंबी अवधि के औसत (एलपीए) से कम बारिश हुई है। 2020 में एलपीए से 20 फीसद, 2019 में 18 फीसद, 2018 में तीन प्रतिशत, 2017 में दो फीसद, 2016 में 10 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस बार 24 सितंबर तक राज्य में 1133.4 मिमी बारिश हो चुकी है। औसत बारिश 1160 मिमी से यह महज दो फीसद कम है।
रबी के लिए फायदेमंद
प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा का कहना है कि फसलों के लिए पर्याप्त बारिश हो चुकी है। मानसून आगे जाता है तो जमीन में पर्याप्त नमी रहेगी। इसका फायदा रबी गेहूं समेत रबी की अन्य फसलों को मिलेगा।
जलवायु परिवर्तन की वजह से पिछले कुछ वर्षों में मौसम चक्र आगे की तरफ खिसका है। मानसून देरी से आता है और देरी से विदा होता है। इस बार भी मानसून विदाई में देरी होती लग रही है।
-डा. आरके सिंह, मौसम विज्ञानी