अब एक हजार मीटर नीचे आशियाना बना रहा उत्तराखंड का राज्यपक्षी मोनाल, ये है वजह

दिखने में बेहद खूबसूरत और उत्तराखंड का राज्यपक्षी अब अपना ठिकाना बदल रहा है। यह इसलिए चिंताजनक है क्योंकि मोनाल के आशियाना बदलने की वजह जूनिपर झाडिय़ों का कम होना है। इन झाडिय़ों में वह घोसला बनाकर रहता है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 10:40 AM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 10:40 AM (IST)
अब एक हजार मीटर नीचे आशियाना बना रहा उत्तराखंड का राज्यपक्षी मोनाल, ये है वजह
दिखने में बेहद खूबसूरत और उत्तराखंड का राज्यपक्षी अब अपना ठिकाना बदल रहा है।

हल्द्वानी, जेएनएन : दिखने में बेहद खूबसूरत और उत्तराखंड का राज्यपक्षी अब अपना ठिकाना बदल रहा है। यह इसलिए चिंताजनक है क्योंकि मोनाल के आशियाना बदलने की वजह जूनिपर झाडिय़ों का कम होना है। इन झाडिय़ों में वह घोसला बनाकर रहता है। आमतौर पर 3000 मीटर की ऊंचाई पर नजर आने वाला मोनाल अब दो हजार मीटर के ऊंचाई वाले स्थान पर देखा गया है। हिमालयी पक्षी के जीवन में आए बदलाव को लेकर वन विभाग को शोध की जरूरत है। हल्द्वानी स्थित एमबीपीजी कॉलेज के जंतु विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सीएस नेगी कीड़ाजड़ी को लेकर विभाग द्वारा एक रिसर्च किया जा रहा है। जो कि लंबे समय से चल रहा है। जिस वजह से टीम अक्सर हिमालयी क्षेत्र में सर्वे को भी जाती है।

प्रोफेसर नेगी के मुताबिक दो साल पहले मुनस्यारी ब्लॉक के तहत आने वाले गौना गांव से ऊपर की तरफ व कीड़ाजड़ी रिसर्च मामले में जा रहे थे। जिस स्थान पर वह लोग थे। वो जगह करीब 2000 मीटर ऊंचाई पर थी। इस बीच झाडिय़ों से पक्षियों के उडऩे की आवाज आई। पहले छात्रों ने अनुमान लगाया कि यह राज्य पक्षी मोनाल है। मगर कुछ हैरानी हुई क्योंकि यह पक्षी आमतौर पर तीन हजार मीटर के क्षेत्र में अपना आशियाना बनाता है। और जूनिपर झाडिय़ों को घोंसला बनाने के लिए ज्यादा पंसद करता है। जिसके बाद शोधार्थियों पास के जंगल में गए तो उन्हें मोनाल के घोंसले भी नजर आए। जिससे स्पष्ट हो गया कि मोनाल अपने मूल ठिकाने से नीचे उतर आया है। विशेषज्ञों की माने तो इस बदलाव की वजह इंसानों का हिमालयी क्षेत्र में बढ़ता दखल और जूनिपर झाडिय़ों का दोहन भी है। हालांकि, जब तक एक विस्तृत शोध नहीं होता। तथ्यात्मक निष्कर्ष तक पहुंचा नहीं जा सकता।

इन बुग्यालों में दोहन

जंतु विज्ञान विभाग के अध्ययन में पता चला कि जानथरी बुग्याल, फातव, नामिक, नावलिधुरा, दोंग, छिपलाकेदार, फातव और मरझाली इलाकों में जूनिपर झाडिय़ां लगातार कम हो रही है। कुछ जगहों पर यह अब न के बराबर नजर आती है।

नया लाइफ-सर्किल बना लिया

प्रोफेसर डॉ. सीएस नेगी के मुताबिक मोनाल के साथ उसके बच्चों पर भी हमारी नजर पड़ी थी। जिस जूनिपर झाडिय़ों में मोनाल प्रजनन करती है। उसका बड़ी संख्या में दोहन होना इस बदलाव की वजह मानी जा सकती है। नेगी के मुताबिक खुद पर खतरा महसूस होने पर पक्षी और वन्यजीव अपना नया लाइफ-सर्किल बना लेते हैं।

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