बंद धान खरीद केंद्रों को फिर से खोलने के लिए मुख्यमंत्री से मिले विधायक

विधायक नवीन दुम्का ने रामनगर विधायक दिवान सिंह बिष्ट नानकमत्ता विधायक प्रेम सिंह राणा आदि ने मुख्यमंत्री से मिलकर बंद पड़े धान क्रय केंद्रो को खोलने की मांग की।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 08:56 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 08:56 PM (IST)
बंद धान खरीद केंद्रों को फिर से खोलने के लिए मुख्यमंत्री से मिले विधायक
बंद धान खरीद केंद्रों को फिर से खोलने के लिए मुख्यमंत्री से मिले विधायक

लालकुआं: विधायक नवीन दुम्का ने रामनगर विधायक दिवान सिंह बिष्ट, नानकमत्ता विधायक प्रेम सिंह राणा व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रकाश गजरौला के साथ देहरादून जाकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से सरकारी धान क्रय केंद्र में पुन: धान खरीद चालु करने, गौला व नंद्धौर मे खनन को अधिक व्यवहारिक व रोजगारपरक बनाने के सम्बन्ध मे वार्ता की।

विधायकों ने मुख्यमंत्री से कहा की धान क्रय केंद्रों के बंद होने के कारण किसानों की उपज को खरीददार नही मिल रहे है। इसलिए धान केंद्रों को पुन: खोलना अति आवश्यक है। विधायकों की माग पर मुख्यमंत्री ने शासन स्तर पर उच्च अधिकारियो को त्वरित निर्णय के निर्देश दिए। भरोसा दिया कि जल्द ही किसानों के हित मे निर्णय लिया जाएगा। जिसके बाद विधायकों ने अधिकारियों से खाद्य सुरक्षा योजना में पात्र व्यक्तियों के सफेद कार्ड बनाने व राशनकार्ड आनलाइन होने में आ रही दिक्कतों समेत तमाम समस्याओं के समाधान की मांग की। विधायक दुम्का ने बताया कि धान खरीद तत्काल प्रारम्भ होने की कार्यवाही हो रही है। जल्द ही धान खरीद केंद्र खुल जाएंगे। बिंदुखत्ता में तौला गया 141 किसानों का 2850 क्विंटल धान बिंदुखत्ता: बिंदुखत्ता में खोले गए एकमात्र धान क्रय केंद्र पिछले 14 नवंबर से बंद होने से हजारों किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे है। क्रय केंद्र के खुलने या ना खुलने की स्थिति स्पष्ट नही होने के कारण किसान असमंजस में है।

मालूम हो कि राजस्व गाव न होने के कारण बिंदुखत्ता में धान क्रय केंद्र खोलने में काफी दिक्कतें आई। किसानों की माग पर विधायक नवीन दुम्का के प्रयासों से दो नवम्बर को बिंदुखत्ता के शास्त्रीनगर में धान क्रय केंद्र खोला गया। मजदूरों की कमी के कारण कछुआ चाल से चल रहे क्रय केंद्र में 11 दिन में मात्र 141 किसानों का 2850 क्विंटल धान की ही तौल हो पाई। जबकि इन 11 दिनों में 678 काश्तकारों ने धान क्रय केंद्र में धान बेचने का पंजीकरण कराया था। जबकि पंजीकरण कराने वालों का आना जारी था कि मजदूरों की कमी का बहाना कर क्रय केंद्र को बंद कर दिया। जिसके बाद 437 पंजीकृत किसानों के अलावा हजारों किसानों की उपज धान क्रय खुलने का इंतजार कर रही है। धान क्रय केंद्र बंद होने के कारण काश्तकार अपनी उपज को बिचौलियों के हाथों में औने पौने दाम में बेचने को मजबूर है। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। मालूम हो कि धान क्रय केंद्र में 1868 रुपये प्रति क्विंटल का रेट मिल रहा है जबकि बिचौलिए 12 से 13 सौ रुपये में धान खरीद रहे है। यानी किसानों को एक क्विंटल में करीब पांच सौ रुपये का घाटा हो रहा है।

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