विधायक भौर्याल को सड़क को लेकर करना पड़ा ग्रामीणों के विरोध सामना
विधायक भौर्याल तीन किमी पैदल चलकर नरगोली सिमायल पहुंचे। उन्होंने सर्वे को लेकर उपजे विवाद को दूर करने का प्रयास किया। दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन बात बनते हुए नजर नहीं आई। सिमायल वासियों के लिए राज्य सेक्टर से आठ किमी सड़क का निर्माण होना था।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : कांडा तहसील के एक गांव में सड़क निर्माण की सर्वे को लेकर उपजे विवाद को दूर करने पहुंचे विधायक बलवंत सिंह भौर्याल को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। हालांकि उन्होंने समझाने का प्रयास किया, लेकिन हालात अभी भी जस के तस हैं।
विधायक भौर्याल तीन किमी पैदल चलकर नरगोली सिमायल पहुंचे। उन्होंने सर्वे को लेकर उपजे विवाद को दूर करने का प्रयास किया। दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन बात बनते हुए नजर नहीं आई। लंबे समय से सड़क के लिए संघर्षरत सिमायल वासियों के लिए राज्य सेक्टर से आठ किमी सड़क का निर्माण होना था। पहले दूसरे सर्वें के दौरान कुछ भी विवाद नहीं उपजा था। जब लोक निर्माण विभाग के विभागीय अधिकारी यहां टोटल सर्वें को पहुंचे तो तल्ला सिमायल, मल्ला सिमायल सहित नरगोली गांव के ग्रामीणों के विरोध शुरू कर दिया। इस कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा था। इसके बाद विधायक मामला सुलझाने पहुंचे। यहां पहुंचने पर ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। नरगोली गांव के सभी ग्रामीणों ने सड़क के फाइनल सर्वें को ग़लत ठहराते हुए नरगोली की नाप भूमि से अनापत्ति प्रमाण पत्र न लिए जाने को लेकर सड़क न बनने देने की चेतावनी दी। उन्होंने बताया कि जिस जगह से सड़क कटान हो रहा है, वहां पर से आगे एक किमी क्षेत्रफल में बांज फल्यांट के जंगल फैले हैं।
नरगोली वासियों का कहना है कि हम जंगल किसी भी हाल में नहीं कटने देंगे। हम विकास के विरोधी नहीं हैं, नरगोली पुल के समीप नए पंचायत घर से सड़क ले जाने में हमें कोई आपत्ति नहीं है वहां पर भी हमारी जमीन है। पूर्व प्रधान अनिल रौतेला, भूपेश रौतेला, लाल सिंह रौतेला, सहित सभी ग्रामीण आक्रोशित दिखे। सहायक अभियंता लोनिवि भुवन जोशी, जेई चंचल कोरंगा, सर्वेयर जेएस कोरंगा, कानूनगो दयाल चंद्र मिश्रा आदि मौजूद थे। इधर विधायक ने कहा कि मामले का हल निकाल लिया है, जबकि ग्रामीणों के अनुसार किसी भी बात पर सहमति नहीं बनी है।
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