शारदा नदी के डाउन स्ट्रीम में 31 मई को बंद हो जाएगा खनन कार्य, अभी 90 हजार घन मीटर की निकासी शेष
कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद अधिकांश खनन मजदूर अपने घरों को लौट गए हैं। हालांकि अभी भी 400 के करीब मजदूर खनन कार्य में जुटे हुए हैं। खनन कार्य 31 मई को बंद हो जाएगा। विभाग के पास लक्ष्य के सापेक्ष निकासी के लिए कम समय बचा है।
जागरण संवाददाता, टनकपुर (चम्पावत) : कोरोना संक्रमण के दौर में भी टनकपुर शारदा नदी के डाउन स्ट्रीम में चल रहा खनन कार्य लगभग दो हफ्ते बाद बंद हो जाएगा। इस बार भी वन विकास निगम को लक्ष्य के सापेक्ष निकासी करने में मुश्किल आ रही है। कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद अधिकांश खनन मजदूर अपने घरों को लौट गए हैं। हालांकि अभी भी 400 के करीब मजदूर खनन कार्य में जुटे हुए हैं। खनन कार्य 31 मई को बंद हो जाएगा। विभाग के पास लक्ष्य के सापेक्ष निकासी के लिए कम समय बचा है। ऐसे में शत प्रतिशत राजस्व मिलना संभव नहीं दिख रहा है।
इस बार शारदा नदी के अप स्ट्रीम में वन विभाग के अडिय़ल रवैये के कारण खनन निकासी का कार्य शुरू नहीं हो पाया। वन विकास निगम को डाउन स्ट्रीम से ही खनन कार्य करना पड़ा। इससे सरकार के साथ खनन स्वामियों एवं मजदूरों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। डाउन स्ट्रीम से 4 लाख 62 हजार घन मीटर निकासी का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 3 लाख 92 हजार घन मीटर उपखनिज की निकासी हो चुकी है, जिससे विभाग को 14 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। यहां 418 वाहन और 400 के करीब मजदूर खनन कार्य में जुटे हैं।
लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभाग को अभी 90 हजार घन मीटर खनन की निकासी और करनी है जबकि खनन कार्य 31 मई तक ही चलना है। दो हफ्ते से भी कम का समय और मजदूरों की कमी से शत प्रतिशत खनन निकासी करना असंभव दिख रहा है। वन निगम के अनुभाग अधिकारी पीसी पाटनी ने बताया कि निर्माणाधीन भारत-नेपाल नहर के लिए एक लाख 85 हजार घन मीटर उपखनिज की निकासी भी डाउन स्ट्रीम से की गई है। उन्होंने बताया कि अधिकांश मजदूरों के घर चले जाने के कारण कार्य में तेजी नहीं आ पा रही है। विभाग लक्ष्य के अनुरूप खनन निकासी का पूरा प्रयास कर रहा है।
कोविड नियमों का रखा जा रहा है ध्यान
वन निगम के अनुभाग अधिकारी पीसी पाटनी ने बताया कि खनन कार्य में कोविड के नियमों का पूरा पालन किया जा रहा है। खनन क्षेत्र में मजदूरों के परिवारों को लगातार सेनिटाइज किया जा रहा है। वाहन चालकों एवं मजदूरों को सरकार की गाइड लाइन की पूरी जानकारी दी गई है। अब तक खनन में लगा कोई भी मजदूर कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया है।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें