अप्रैल में बंद हो जाएगी रोजगार की खदान, गौला से 24 लाख घनमीटर निकासी हो चुकी
गौला से हजारों लोगों को रोजगार करीब एक महीने और मिल सकेगा। जिस रफ्तार से रोजाना नदी से निकासी हो रही है। उस हिसाब से गौला 30 दिन और चल पाएगी। सूत्रों की माने तो नदी का दोबारा सर्वे हो सकता है।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : गौला से हजारों लोगों को रोजगार करीब एक महीने और मिल सकेगा। जिस रफ्तार से रोजाना नदी से निकासी हो रही है। उस हिसाब से गौला 30 दिन और चल पाएगी। सूत्रों की माने तो नदी का दोबारा सर्वे हो सकता है।
शीशमहल से लेकर शांतिपुरी तक गौला के 11 निकासी गेटों पर रोजाना साढ़े सात हजार वाहन नदी में निकासी को उतरते हैं। रोजाना करीब 30 हजार घनमीटर उपखनिज की निकासी होती है। वहीं, पूर्व में केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण देहरादून की टीम ने सर्वे के बाद तय किया था कि नदी से इस खनन सत्र में 32 लाख 97 हजार घनमीटर उपखनिज की निकासी होगी।
रेंजर गौला आरपी जोशी ने बताया कि अभी तक सभी गेट मिलाकर 24 लाख घनमीटर उपखनिज नदी से बाहर आ चुका है। यानी नौ लाख घनमीटर उपखनिज ही नदी में बचा है। प्रतिदिन 30 हजार घनमीटर निकासी के हिसाब से नदी 30 दिन और चल सकेगी। अब संकट यह खड़ा हो गया है कि 31 मई तक चलने वाली गौला अगर अप्रैल की शुरूआत में बंद हो गई तो इससे जुड़े लोगों का क्या होगा। यही वजह है कि पिछली बार की तरह दोबारा सर्वे की चर्चा शुरू हो गई है।
नंधौर का सर्वे हो चुका
नंधौर की स्थिति भी गौला की तरह ही है। यहां सवा छह लाख घनमीटर लक्ष्य तय किया गया है। जिससे परेशान वाहनस्वामियों ने पूर्व में विधायक नवीन दुम्का के माध्यम से शासन तक यह बात पहुंचाई थी कि नदी का दोबारा सर्वे किया जाए। हालांकि, संयुक्त कमेटी ने नदी का निरीक्षण कर रिपोर्ट भी बनाई। इस सप्ताह शासन से रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा।
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