खनन वाहनों को 108 कुंतल वजन ढोने की मिले अनुमति

खनन समिति द्वारा तय किए गए मापदंडों के अनुसार जब खनन किया जा रहा है तो उन वाहनों को ओवरलोड बताकर चालान क्यों किया जा रहा है। अगर 108 कुंटल ओवरलोड की श्रेणी में आता है। तो सरकार 90 कुंटल ही खनन की अनुमति दें।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 05:10 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 05:10 PM (IST)
खनन वाहनों को 108 कुंतल वजन ढोने की मिले अनुमति
शनिवार को नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : गौला खनन मजदूर संघर्ष समिति ने शनिवार को नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। समिति ने कहा कि खनन समिति द्वारा तय किए गए मापदंड अनुसार गौला से खनन किया जा रहा है। पुलिस और सीपीयू द्वारा आए दिन चालान किया जा रहा है। जिससे गौला से जुड़े वाहन स्वामियों को आर्थिक नुकसान पहुंच रहा है।

सवाल उठाया कि खनन समिति द्वारा तय किए गए मापदंडों के अनुसार जब खनन किया जा रहा है, तो उन वाहनों को ओवरलोड बताकर चालान क्यों किया जा रहा है। अगर 108 कुंटल ओवरलोड की श्रेणी में आता है। तो सरकार 90 कुंटल ही खनन की अनुमति दें। सरकार द्वारा 108 कुंटल की अनुमति दी जा रही है। जिसे पुलिस और सी पी यू ओवरलोड बता रही है। तो क्या खनन समिति में तय किए गए नियमों को पुलिस और सीपीयू नहीं मानती गौला खनन मजदूर संघर्ष समिति द्वारा सारे नियमों का हवाला देकर नेता प्रतिपक्ष से मांग की जो चालान किए जा रहे हैं। उसे रोका जाए या फिर हमें 90 कुंटल की ही अनुमति दी जाए। ज्ञापन देने वालों में पूर्व पार्षद राजेंद्र सिंह बिष्ट, अध्यक्ष गौला खनन मजदूर संघर्ष समिति, रोहित शाह, योगेंद्र बिष्ट, पिंटू मेहरा, नितिन ढेला, हरीश भंडारी, राज कुमार जोशी, राजेश बिष्ट, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, नरेंद्र बगड़वाल, कैलाश तिवारी, रक्षित शर्मा, भूरा आदि उपस्थित रहे।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी