नवंबर में पहली बार गौला में नहीं शुरू हो सका खनन, एक लाख लोगों का रोजगार प्रभावित
Mining Could Not Start In Gaula नवंबर का आधा महीना बीत जाने के बाद भी गौला नदी से उपखनिज निकासी शुरू नहीं हो सकी है। नदी में पानी होने की वजह से वन निगम से लेकर डंपरस्वामी तक जोखिम नहीं लेना चाहते।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : नवंबर का आधा महीना बीत जाने के बाद भी गौला नदी से उपखनिज निकासी शुरू नहीं हो सकी है। नदी में पानी होने की वजह से वन निगम से लेकर डंपरस्वामी तक जोखिम नहीं लेना चाहते। वहीं, अफसरों व गाड़ी मालिकों का कहना है कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि नवंबर में गौला नदी में तेज रफ्तार में पानी बह रहा हो। अक्टूबर में आई आपदा के बाद से ही यह स्थिति बनी हुई हुई है, जिस वजह से खनन कारोबार से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े करीब एक लाख लोगों का रोजगार बंद पड़ा है।
शीशमहल से लेकर शांतिपुरी तक गुजरने वाली गौला नदी को कुमाऊं की लाइफलाइन कहा जाता है। 13 गेटों पर 7500 वाहनों से उपखनिज निकासी की जाती है। गौला में उपखनिज की मात्रा भरपूर होने पर केवल सरकार को ही दो अरब तक का राजस्व हासिल हो जाता है। लेकिन इस बार पानी ने कारोबार पर ब्रेक लगा रखा है। 18 व 19 अक्टूबर को मैदान से लेकर पहाड़ तक हुई भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई थी। गौला पुल का संपर्क मार्ग तक टूटकर नदी में समा गया था। वहीं, एक माह बीतने के बावजूद नदी में पानी बह रहा है, जिस वजह से वन निगम चाहकर भी नदी को खोल नहीं पा रहा। जबकि आरटीओ से सत्यापित हो चुके करीब चार हजार खनन वाहन निकासी के इंतजार में खड़े हैं।
गौला के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि नवंबर आधा बीत जाने के बावजूद नदी में पानी है। इस वजह से वाहन गौला में नहीं उतर पा रहे हैं। वाहनस्वामी भी हादसे के डर की वजह से गौला खोलने का दबाव नहीं बना रहे।
-पम्मी सैफी, अध्यक्ष खनन संघर्ष समिति
डीएम की तरफ से स्पष्ट निर्देश है कि पानी कम होने के बाद ही गौला से निकासी हो। वन विभाग रास्तों आदि के निर्माण में जुटा है। खान विभाग को ई-रवन्ने के लिए कहा गया है। वन निगम के स्तर से तैयारियां पूरी है।
-वाइके श्रीवास्तव, डीएलएम गौला
छठ मनाकर लौटे श्रमिक खाली बैठे
वैसे तो गौला को एक अक्टूबर से ही खोला जाता रहा है, लेकिन हर बार देरी हो जाती है। मगर वन निगम कम वाहनों में शुरुआत कर देता है। इसके बाद धीरे-धीरे खनन सत्र रफ्तार पकड़ता है। छठ पूजा के बाद सभी मजदूर हल्द्वानी पहुंच जाते हैं। लेकिन इस बार गौला बंद होने की वजह से फिलहाल सभी खाली बैठे हैं। अभी ठेकेदार से उधार लेकर काम चलाया जा रहा है।