सेहत व कर्फ्यू की सख्ती के चलते लौट रहे प्रवासी कामगार, 15 हजार से अधिक को जिले में मिलता है रोजगार

इस बार पिछले साल की तरह न पाबंदी है और आने-जाने में किसी तरह की रोकटोक। बावजूद इसके कई उद्यम बंद हो गए हैं। पिछली बार दुश्वारी झेल चुके बाहरी राज्यों के कामगार लॉकडाउन के भय से वापस लौट गए हैं। ऐसे में उत्पादन पर भी असर पड़ रहा है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 10:34 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 05:50 PM (IST)
सेहत व कर्फ्यू की सख्ती के चलते लौट रहे प्रवासी कामगार, 15 हजार से अधिक को जिले में मिलता है रोजगार
नैनीताल जिले में विनिर्माण क्षेत्र में 600 से अधिक इकाइयां संचालित हैं।

गणेश पांडे, हल्द्वानी। पिछले साल लॉकडाउन में सीमित उद्योगों को खोलने की अनुमति थी। इसके लिए बाकायदा प्रशासन ने ई-पास जारी किए। इस बार पिछले साल की तरह न पाबंदी है और आने-जाने में किसी तरह की रोकटोक। बावजूद इसके कई उद्यम बंद हो गए हैं। पिछली बार दुश्वारी झेल चुके बाहरी राज्यों के कामगार लॉकडाउन के भय से वापस लौट गए हैं। ऐसे में उत्पादन पर भी असर पड़ रहा है।

रामनगर के बैलपोखरा स्थित फार्मा कंपनी बायोविल फार्मूलेशन में काम करने वाले बिहार व उत्तर प्रदेश के कामगार वापस लौट चुके हैं। फैक्ट्री संचालक सुरेंद्र सिंह बसेड़ा का कहना है कि फैक्ट्री में 35 कामगार काम करते हैं। बाहर के श्रमिकों के वापस लौटने के बाद 18 स्थानीय कामगार ही काम कर रहे हैं। हालांकि कार्यस्थल पर कोरोना सेफ्टी का पूरा ध्यान रखा जाता है। रामपुर रोड स्थित भरत माइंस एंड मिनरल्स के संचालक मनोज डागा का कहना है कि कामगारों की संख्या में कमी नहीं आई है, लेकिन कोरोना कफ्र्यू की वजह से मांग में 20 प्रतिशत तक कमी आई है। हालांकि सरकार की तरफ से दी गई रियायतों से उद्यमी राहत महसूस कर रहे हैं।

फूट प्रोसेसिंग, पैकेजिंग के उद्यम अधिक

नैनीताल जिले में विनिर्माण क्षेत्र में 600 से अधिक इकाइयां संचालित हैं। सबसे अधिक हिस्सेदारी फूट प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, सोप स्टोन जैसे उद्यमों की है। इसके अलावा फार्मा एवं हर्बल, पीपीई किट व सैनिटाइजेशन, ऑटो पाट्र्स, डाटा प्रोसेसिंग जैसे उद्योग हैं। इसमें करीब 15 हजार से अधिक कामगारों को रोजगार प्राप्त होता है।

ट्रांसपोर्ट प्रभावित होने का भी असर

कोरोना कफ्र्यू की वजह से ट्रांसपोर्ट कारोबार प्रभावित हुआ है। इसके असर मांग एवं आपूॢत पर पड़ा है। कई उत्पाद दूसरे शहर नहीं आ पा रहे। फार्मा कंपनी संचालक सुरेंद्र बसेड़ा ने बताया कि सैनिटाइजर की सप्लाई उत्तराखंड के विभिन्न शहरों के साथ राज्य के बाहर भी हो रही थी। ट्रांसपोर्ट का काम प्रभावित होने से लोकल स्तर पर ही सप्लाई निर्भर है।

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