कोरोना में मानसिक मजबूती का है अहम रोल, तनाव व घबराहट से कमजोर पड़ता है इम्यून सिस्टम : डॉ पांडेय

मनोचिकित्सक डॉ गिरीश पांडेय बताते है कि संक्रमण से लड़ने के लिए जितना व्यक्ति की शारीरिक क्षमताओं को प्रबल होना चाहिए। उससे कई अधिक संक्रमित व्यक्ति को मानसिक तौर पर मजबूत होने की जरूरत है। बताते है कि मानसिक तनाव के कारण हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ता है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 11:35 AM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 11:35 AM (IST)
कोरोना में मानसिक मजबूती का है अहम रोल, तनाव व घबराहट से कमजोर पड़ता है इम्यून सिस्टम : डॉ पांडेय
मानसिक तौर पर तनावमुक्त रहकर संयम से उपचार कराकर कोरोना को आसानी से हराया जा सकता है।

नरेश कुमार, नैनीताल। कोविड काल मे संक्रमण से बचाव के लिए चिकित्सक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने पर जोर दे रहे है। जिसके लिए विशेष खानपान और जीवनशैली में बदलाव लाने की सलाह दी जा रही है। मगर मनोचिकित्सक डॉ गिरीश पांडेय बताते है कि संक्रमण से लड़ने के लिए जितना व्यक्ति की शारीरिक क्षमताओं को प्रबल होना चाहिए। उससे कई अधिक संक्रमित व्यक्ति को मानसिक तौर पर मजबूत होने की जरूरत है। बताते है कि मानसिक तनाव के कारण शरीर से एक विशेष प्रकार का हार्मोन रिलीज होता है। जिससे हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ता है। ऐसे में मानसिक तौर पर तनावमुक्त रहकर संयम से उपचार कराकर कोरोना को आसानी से हराया जा सकता है।

तेजी से पैर पसार रहा कोरोना संक्रमण लोगों को चपेट में ले रहा है। संक्रमण की दूसरी लहर ने तो लोगों के दिमाग मे एक डर पैदा कर दिया है। ऐसे में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास कर संक्रमण को हराने की स्वास्थ्य विशेषज्ञों और चिकित्सकों द्वारा सलाह दी जा रही है। वही मनोचिकित्सको का मानना है कि संक्रमण को हराने में जितना अहम रोल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का है , उतना ही अहम मानसिक तौर पर मजबूत रहने का भी है। बीडी पांडे अस्पताल में तैनात मनोचिकित्सक डॉ गिरीश पांडेय का कहना है कि डर और घबराहट के चलते संक्रमित व्यक्ति का नर्वस सिस्टम फेल हो जा रहा है। जिससे कई संक्रमितों की मौत हृदयघात और अन्य कारणों से हो रही है। व्यक्ति को अपना मनोबल बना कर रखना होगा। जिससे शरीर भी संक्रमण से लड़ने में पूरी तरह प्रतिक्रिया कर सके। उन्होंने बताया कि मानसिक तनाव और घबराहट के दौरान शरीर से एक विशेष हार्मोन रिलीज होता है जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ता है।

पैनिक न हो 85 फीसदी मरीज बिना उपचार के ही हो रहे ठीक

डॉ पांडेय बताते है कि संक्रमण की दूसरी लहर तेजी से फैल तो रही है, लेकिन इसमें डेथ रेट 1.5 के करीब है। 85 फीसदी मरीज बिना हायर ट्रीटमेंट के ही ठीक हो जा रहे है। इसलिए संक्रमित होने के बाद अपने अंदर रिकवर होने की इच्छा का विस्तार करें। घबराहट और तनाव छोड़ सकारात्मक सोच रखकर आसानी से संक्रमण को हराया जा सकता है।

यह उपाय अपनाकर मिलेगा लाभ

- व्यवस्थित दिनचर्या अपनाए।

- रोजाना व्यायाम करें।

- दिन में एक बार ध्यान जरूर लगाएं।

- परिवार के साथ समय बिताए।

- संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

- संक्रमित होने पर पैनिक न हो।

- मनोबल को ऊंचा बनाये रखे।

- पौष्टिक भोजन ग्रहण करें।

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