कोरोना के खिलाफ जंग में हमेशा आगेे रहीं मीनाक्षी, उत्कृष्ट कार्य के लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय से मिल चुका है प्रशस्ति पत्र

चम्पावत जिला अस्पताल में स्टॉफ नर्स के पद पर कार्यरत मीनाक्षी जोशी ने कोरोना महामारी के पहले दौर में भी अपने स्वास्थ्य की चिंता न कर प्रवासियों की कोविड जांच की थी। कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद वे फिर जागरूक करने के साथ टीकाकरण में जुटी हुई हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 04:16 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 04:16 PM (IST)
कोरोना के खिलाफ जंग में हमेशा आगेे रहीं मीनाक्षी, उत्कृष्ट कार्य के लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय से मिल चुका है प्रशस्ति पत्र
महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की ओर से उन्हेें गत वर्ष 15 अगस्त को सम्मानित किया गया।

संवाद सहयोगी, चम्पावत : कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के बाद एक बार फिर फ्रंट लाइन वकर्स सक्रिय हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी इस काम में पीछे नहीं हैं। चम्पावत जिला अस्पताल में स्टॉफ नर्स के पद पर कार्यरत मीनाक्षी जोशी ऐसी सख्सियत हैं जिन्होंने कोरोना महामारी के पहले दौर में भी अपने स्वास्थ्य की चिंता न कर प्रवासियों की कोविड जांच की थी। कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद वे एक बार फिर जनता को जागरूक करने के साथ टीकाकरण अभियान में जुटी हुई हैं।

मूलरूप से चम्पावत के बनलेख गांव निवासी मीनाक्षी जोशी पिछले डेढ़ साल से जिला अस्पताल में स्टॉफ नर्स पद पर सेवा दे रही हैं। इससे पूर्व तीन साल तक सीएचसी लोहाघाट में उन्होंने अपनी सेवा दी थी। गत वर्ष जिले में फरवरी माह से कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारियों के साथ मीनाक्षी ने बाहरी राज्यों और जिलों से लौट रहे प्रवासियों की कोविड जांच की। देर रात तक ड्यूटी में रहने के कारण दो छोटे बच्चों की देखरेख करना मुश्किल हो रहा था। इससे उनके कार्य में बाधा पहुंचने की संभावना थी, लिहाजा समस्या से निपटने के लिए उन्होंने अपनी माता भागीरथी देवी को चम्पावत बुला लिया।

कोरोना के पहले चरण में कोविड जांच के अलावा लगातार तीन माह तक नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर उन्होंने लोगों को कोरोना महामारी से बचने के लिए जागरूक भी किया। उनके उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की ओर से उन्हेें गत वर्ष 15 अगस्त को सम्मानित किया गया। डा. आरके जोशी ने उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मीनाक्षी वर्तमान में ड्यूटी के साथ अस्पताल आने वाले मरीजों को कोविड के नियमों का पाठ तो पढ़ा ही रही हैं, साथ में कोविड टीकाकरण में भी वे अपनी भूमिका का निर्वाह बखूबी कर रही हैं। उनके पति रमेश चंद्र जोशी तहसील कार्यालय में कार्यरत हैं, जो उनका हमेशा उत्साहवर्धन करते हैं।

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