चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने मांगी मेडिकल कालेज अल्मोड़ा के डॉक्टरों की छह माह की परफामेंस रिपोर्ट
राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की मान्यता दिलाना चुनौती बनता जा रहा है। कालेज में नए नियुक्त किए गए डाक्टरों के अलावा हल्द्वानी मेडिकल कालेज से ट्रांसफर किए गए 20 डॉक्टर ऐसे हैं जो उपस्थित ही नहीं रहते हैं।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की मान्यता दिलाना चुनौती बनता जा रहा है। कालेज में नए नियुक्त किए गए डाक्टरों के अलावा हल्द्वानी मेडिकल कालेज से ट्रांसफर किए गए 20 डॉक्टर ऐसे हैं, जो उपस्थित ही नहीं रहते हैं। प्राचार्य प्रो. आरजी नौटियाल के नोटिस के बाद भी कोई असर नहीं होने पर अब चिकित्सा शिक्षा निदेशक युगल किशोर पंत ने इन डाक्टरों का छह महीने का परफारमेंस तलब कर लिया है।
प्रो. नौटियाल ने छह जनवरी को 20 डाक्टरों को ई-मेल के जरिये नोटिस भेजा था। उन्होंने कहा था कि ये डाक्टर अक्सर अनुपस्थित रहते हैं। अनुपस्थित रहने पर भी पंजिका में उपस्थिति दर्ज करा देते हैं। विभागाध्यक्ष अपने अधीन कार्यरत संकाय सदस्यों की उपस्थिति का भी निरीक्षण नहीं कर रहे हैं। जबकि कालेज में नेशनल मेडिकल कमीशन का निरीक्षण प्रस्तावित है और प्रतिदिन 400 ओपीडी प्रतिदिन होनी चाहिए।
इस नोटिस के बाद भी जब डाक्टरों का रवैया नहीं बदला तो प्राचार्य ने चिकित्सा शिक्षा निदेशक को पत्र भेज दिया। इस नोटिस वाले पत्र के जवाब में निदेशक ने लिखा है, छह महीने तक इन डाक्टरों का परफारमेंस उपलब्ध कराया जाए। इनके प्रशासनिक कार्य के अलावा ओपीडी व आइपीडी के कार्यों का भी ब्योरा तलब किया जाएगा। ऐसे डाक्टरों का वेतन रोकने के साथ ही वार्षिक रिपोर्ट में भी इसका जिक्र किया जाएगा।