फर्जी आय प्रमाणपत्र प्रकरण में मास्टरमाइंड गिरफ्तार, सीएससी संचालक व आवेदनकर्ता पहले ही गिरफ्त में

पुलिस सूत्रों की मानें तो इस फर्जीवाड़े में लिप्त लोगों की सूची लंबी है। इनकी गिरफ्तारी को साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। कानून का शिकंजा कसे जाने से उनमें हड़कंप है। इस मामले में जालसाजी में शामिल सामुदायिक सेवा केंद्र संचालक व आवेदनकर्ता पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 08:14 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 08:14 PM (IST)
फर्जी आय प्रमाणपत्र प्रकरण में मास्टरमाइंड गिरफ्तार, सीएससी संचालक व आवेदनकर्ता पहले ही गिरफ्त में
बीती चार जनवरी को तहसीलदार सतीश चंद्र बर्थवाल ने थाने में तहरीर दी थी।

संवाद सहयोगी, द्वाराहाट (अल्मोड़ा) : फर्जी आय प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड  पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। आरोपित तहसील कार्यालय में अरायजनवीस है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस फर्जीवाड़े में लिप्त लोगों की सूची लंबी है। इनकी गिरफ्तारी को साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। कानून का शिकंजा कसे जाने से उनमें हड़कंप है। इस मामले में जालसाजी में शामिल सामुदायिक सेवा केंद्र (सीएससी) संचालक व आवेदनकर्ता पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं।

दरअसल, तहसील कार्यालय में जनवरी पहले सप्ताह फर्जी आय प्रमाणपत्र के जरिये आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए आवेदन का मामला पकड़ में आया था। बीती चार जनवरी को तहसीलदार सतीश चंद्र बर्थवाल ने थाने में तहरीर दी थी। विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो मामला सही पाया गया। साक्ष्य जुटाए जाने के बाद बीती 15 जनवरी को आवेदन करने वाले अखिलेश सिंह रौतेला निवासी शीतलापुष्कर वार्ड तथा सीएससी संचालक हरीश कुमार निवासी भौंरा गांव को गिरफ्तार कर लिया गया था। थाना प्रभारी गौरव जोशी के अनुसार पूछताछ में कई और लोगों के फर्जीवाड़े में लिप्त होने का पता लगा था। इसी आधार पर जांच आगे बढ़ी।

एसओ के अनुसार पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद गुरुवार को मास्टरमाइंड घगलोड़ी गांव निवासी तहसील में रेवाधर जोशी उर्फ आरडी जोशी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। थानाध्यक्ष ने ग्रामीणों से अपील की है कि प्रमाणपत्रों पर यदि किसी भी किस्म का संदेह हो तो तत्काल संबंधित क्षेत्र के राजस्व उपनिरीक्षक के पास जमा कराएं। यह भी बताया कि फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। ताकि कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सके।

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