उत्तराखंड के एक और जवान ने भारत मां रक्षा के लिए दी शहादत, सैन्य सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई
असम राइफल्स में तैनात उत्तराखंड का एक और जवान भारत मां की रक्षा के लिए बलिदान दे दिया। ऊधमसिंहनगर जिले के खटीमा निवासी शहीद हवलदार हयात सिंह को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। बुधवार को बनबसा शारदा घाट पर उनकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार किया गया।
संवाद सहयोगी, खटीमा : असम राइफल्स में तैनात उत्तराखंड का एक और जवान भारत मां की रक्षा के लिए बलिदान दे दिया। ऊधमसिंहनगर जिले के खटीमा निवासी शहीद हवलदार हयात सिंह को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। बुधवार को बनबसा शारदा घाट पर उनकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार किया गया। बता दें कि उल्फा उग्रवादियों ने 12 जुलाई को उनका अपहरण कर लिया था और 16 जुलाई को उनका पार्थिव शरीर मिला था। मणिपुर के दीमापुर में उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया।
झनकट डिफेंस कालोनी निवासी 48 वर्षीय हयात सिंह पुत्र स्व. त्रिलोक सिंह महर मूल रूप से पिथौरागढ़ जौरासी जमतड़ के रहने वाले थे। वर्तमान में वह 31 असम राइफल्स मणिपुर में तैनात थे। उनकी सेना में 27 साल की सेवा हो चुकी थी। 16 जुलाई को शहीद होने की सूचना मिलने के बाद स्वजनों में कोहराम मच गया। इस बीच खराब मौसम के कारण फ्लाइट रद्द होने के चलते पार्थिव शरीर पांवचें दिन बुधवार तड़के उनके घर पहुंचा।
पार्थिव देह असम राइफल्स के जवान झनकट स्थित उनके आवास लेकर पहुंचे। शव को देखते ही स्वजन चिपटकर दहाड़े मार रोने लगे। वहीं, हवलदार के शहीद होने की सूचना पर विधायक डा. प्रेम सिंह राणा समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उनके आवास पहुंचे और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। विधायक डा. राणा ने स्वजनों को ढांढस बंधा हर संभव मदद का भरोसा दिया। वहीं बनबसा 8 जैकलाई रेजीमेंट के जवानों ने शहीद हयात के घर पहुंच अंतिम सलामी दी। इसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए बनबसा स्थित शारदा घाट ले जाया गया।
शहीद अपने पीछे पत्नी चंदा महर, पुत्र अमित सिंह व पुत्री रेखा को रोता-बिलखता छोड़ गए हैं। शोक जताने वालों में पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष कुंवर सिंह खनका, व्यापार मंडल अध्यक्ष कमान जेठी, भाजपा जिलामंत्री भुवन जोशी, लक्ष्मण सिंह मनोला, ललित बोरा, हीरा सिंह जेठी, हरीश अधिकारी, शंकर बोरा, राजू बोरा, दीवान सिंह धामी आदि मौजूद थे।